Iran Israel Tension: 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी दूतावास पर अचानक हमला कर दिया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। हमले में शीर्ष ईरानी सैन्य अधिकारी मारे गए। इसके बाद बीते दिन ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया। इस हमले को लेकर अमेरिका ने पहले ही चेतावनी दे दी थी। हालांकि, ईरान की तरफ से दागी गई मिसाइल को इजराइल ने रोक दिया। बड़ी बात ये है अब इजराइल ईरान को उसी की भाषा में जबाव देने की तैयारी में है।
ईरान के डायरेक्ट हमले के बाद इजराइल में रविवार को इजराइली वॉर कैबिनेट की मीटिंग हुई और इसमें इस बात पर सहमति बन गई है कि इजराइल काउंटर अटैक करेगा। लेकिन अभी तक हमले के टाइम पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं, इजराइल का साथ देने के लिए इजराइल के विदेश मंत्री काट्ज ने बिटिश विदेश सचिव और फ्रांस के विदेश मंत्री का धन्यवाद दिया है।
ब्रिटेन ने खुलकर इजराइल का किया समर्थन
ब्रिटेन ने इजराइल का खुलकर समर्थन किया है। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कहा कि हमारा देश इजराइल और उसके लोगों के साथ खड़ा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ अपने सहयोगी देश की मदद के लिए अमेरिका ने इजराइल के पड़ोसी इस्लामिक देशों से बातचीत करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को ही जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र और तुर्की के समकक्षों के साथ अलग-अलग कॉल पर इजराइल और ईरान के हमले पर चर्चा की। इन देशों के साथ बातचीत में अमेरिका ने एक बात दोहराई की अमेरिका देशों के बीच तनाव नहीं बढ़ाना चाहता है, लेकिन इजराइल की रक्षा का समर्थन जारी रखेगा।
इजराइल-ईरान युद्ध पर भारत का स्टैंड
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को इजराइली समकक्ष काट्ज और ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अबदुल्लानह्यान के साथ फोन पर बात की। इसके बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैंने घटनाक्रम पर अपनी चिंता शेयर की। व्यापक क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की। साथ ही, तत्काल तनाव कम करने की अपील की। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि हम इजराइल और ईरान के बीच शत्रुता से ज्यादा चिंतित हैं। इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। मंत्रालय ने सभी से हिंसा से दूर रहने और कूटनीति के रास्ते पर वापस आने की अपील की है।