अमेरिका के द्वारा ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान किए जाने के बाद भी पश्चिम एशिया में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। बताना होगा कि दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक जमकर संघर्ष चला। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिकी हमलों ने उसके परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे कर दिया है।
अमेरिकी मीडिया ने तमाम अहम सूत्रों के हवाले से कहा है कि ईरान के सेंट्रीफ्यूज या संवर्धित यूरेनियम के भंडार पूरी तरह नष्ट नहीं हुए हैं। दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान की सभी न्यूक्लियर फैसिलिटीज को खत्म कर युद्ध रोकना उनके लिए सम्मान की बात है। ट्रंप ने सीजफायर के बाद ईरान और इजरायल दोनों की तरफ से चलाई गई मिसाइलों पर नाराजगी जाहिर की थी।
हेग में नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप ने लगातार हमलों को लेकर निराशा व्यक्त की। ट्रंप ने कहा कि मैं इजरायल से खुश नहीं हूं।
डोनाल्ड ट्रंप ने सुबह 3.30 पर किया था सीजफायर का ऐलान: मंगलवार की सुबह डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का दावा किया था। उन्होंने लिखा था – डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर पोस्ट कर लिखा, ‘सभी को बधाई! इस बात पर इजरायल और ईरान के बीच पूरी तरह से सहमति बन गई है कि 12 घंटों के लिए पूर्ण और संपूर्ण युद्ध विराम होगा (अब से लगभग 6 घंटों में, जब इजरायल और ईरान अपने चल रहे अंतिम मिशनों को समाप्त कर लेंगे!), जिस बिंदु पर युद्ध को समाप्त माना जाएगा।’
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राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने जब ईरान पर हमला किया था, उसके बाद ही युद्ध रुक पाया। उन्होंने हिरोशिमा-नागासाकी का भी जिक्र किया।
ईरान ने पहली बार स्वीकार कर लिया है कि अमेरिकी हमले की वजह से उनकी न्यूक्लियर साइट्स को भारी नुकसान पहुंचा है। अल जजीरा से बात करते हुए ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने सामने से पुष्टि की है कि अमेरिकी हमलों में नुकसान पहुंचा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच एक अहम मुलाकात हुई है। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच में दोनों ही नेताओं ने कुछ अहम मुद्दों पर बातचीत की।
यूरोपीयन यूनियन की फॉरन पॉलिसी चीफ Kaja Kallas ने कहा है कि अभी तक स्पष्ट नहीं कि अमेरिका ने ईरान पर जो हमला किया था, वो वैध था भी या नहीं।
ईरान ने एक्स से अभी भी बैन नहीं हटाया है, बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को वीपीएन का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।
ईरान ने डॉमेस्टिक और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स की उड़ान पर अभी भी रोक लगाई हुई है। ईरान के लोकल टाइम के मुताबिक कल दोपहर दो बजे तक रोक जारी रह सकती है।
नेटो महासचिव ने राष्ट्रपति ट्रंप के F वर्ड बोलने पर कहा है कि पापा को कभी-कबार सख्त भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है। उन्होंने ट्रंप को ‘डैडी’ कहकर संबोधित किया।
F वर्ड पर बोलने पर राष्ट्रपति ट्रंप ने सफाई देते हुए कहा कि कभी-कभी कठोर भाषा का इस्तेमाल करना पड़ जाता है, कुछ खास शब्द भी बोलने पड़ते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि यदि ईरान अपने परमाणु संवर्धन कार्यक्रम को पुनः शुरू करता है तो क्या अमेरिका फिर से हमला करेगा तो उन्होंने इसके जवाब में कहा- जरूर।
ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि तेहरान की ओर से इजरायल के साथ जंग में मारे गए शीर्ष कमांडरों और वैज्ञानिकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ईरानी खुफिया और सुरक्षा बलों ने देश में इजरायल के “जासूसी नेटवर्क” का हिस्सा होने के संदेह में 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। ईरान की फ़ार्स समाचार एजेंसी और अन्य की रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों को ईरान के साथ इजरायल के 12 दिवसीय युद्ध के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने फॉक्स न्यूज को बताया कि उसके पास लगभग 400 किलोग्राम (880 पाउंड) यूरेनियम के ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं है। ईरान इसे 60 प्रतिशत तक शुद्ध कर चुका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते हैं। जबकि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका-इजरायल के संयुक्त हवाई हमलों के बाद उन्होंने ईरान सरकार को उखाड़ फेंकने का समर्थन किया था।
ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर के बाद बड़ा सवाल यह है कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत का क्या होगा। विदेश विभाग के पूर्व अधिकारी और काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के वरिष्ठ फेलो रे टेकेह ने कहा कि ईरानी नेतृत्व अव्यवस्था के दौर से गुज़र रहा है जिससे बातचीत की मेज पर वापस आना मुश्किल हो रहा है।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिकी हमलों ने उसके परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे कर दिया है। जबकि युद्ध विराम की घोषणा के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था, “ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होगा”।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि इजरायल और ईरान दोनों बी बराबर रूप से युद्ध रोकना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि ईरान की सभी न्यूक्लियर फैसिलिटीज और क्ष्मताओं को खत्म कर युद्ध रोकना उनके लिए सम्मान की बात है।
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ईरान पर अमेरिका और इजराइल की हालिया सैन्य कार्रवाई को मंगलवार को “अवैध आक्रमण” करार दिया। अंसारी ने ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि आक्रामकता का मूल कारण इजरायल के नेतृत्व का ईरान के साथ संबंधों के प्रति दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, “वे बिना लाग-लपेट के साफ़-साफ़ कह रहे हैं कि ईरानियों के नेतृत्व को अवश्य ही बदलना चाहिए। इसलिए यह युद्ध इजरायल द्वारा रचा गया।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पश्चिम एशिया में तेजी से बदलते हालात पर सऊदी अरब और कतर के राजनयिकों के साथ चर्चा की। पाकिस्तान ने मंगलवार को पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ईरान तथा इजरायल के बीच युद्धविराम के दावे करने के कुछ घंटों बाद भारत ने मंगलवार को कहा कि वह स्थिति हल करने के लिए अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। भारत ने आगे बढ़ने के लिहाज से ‘बातचीत और कूटनीति’ का रास्ता अपनाने पर जोर दिया। यद्यपि ट्रंप ने इजराइल और ईरान के बीच युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन बाद में उन्होंने दोनों पक्षों पर इसका उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम पर रातभर नजर रख रहे हैं, जिसमें ईरान के परमाणु केंद्रों के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई और कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों के खिलाफ ईरान की जवाबी कार्रवाई शामिल है।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘यद्यपि हम समग्र और टिकाऊ क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की संभावनाओं के बारे में बहुत चिंतित हैं, हम ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम से जुड़ी विभिन्न रिपोर्ट और इस दिशा में अमेरिका और कतर द्वारा निभाई गई भूमिका का स्वागत करते हैं।’’
ईरानी मीडिया के अनुसार, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कतर के अमीर के साथ फोन पर बातचीत में स्पष्ट किया कि ईरान का हालिया मिसाइल हमला इजरायली हमले में अमेरिका की संलिप्तता का सीधा जवाब था और इसका उद्देश्य कतर का सामना करना नहीं था। बातचीत के दौरान, पेजेशकियन ने कहा कि ईरान कतर के साथ अपने “रचनात्मक, मैत्रीपूर्ण और भाईचारे वाले” संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने की तेहरान की इच्छा को उजागर करता है, जैसा कि ईरान की मिज़ान समाचार एजेंसी ने बताया है।
नूरन्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा है कि ईरान चल रहे युद्ध विराम के प्रति प्रतिबद्ध है, उन्होंने घोषणा की है कि देश तब तक युद्ध विराम नहीं तोड़ेगा जब तक कि इज़राइल पहले ऐसा नहीं करता। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के बावजूद, मंगलवार को तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी गई।
इजराइल उन कुछ लोकतांत्रिक देशों में से एक है, जहां अभी भी पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए अनिवार्य सशस्त्र सेवा की प्रथा प्रचलित है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के बाद ईरान के खिलाफ व्यापक सैन्य प्रतिक्रिया शुरू न करने का फैसला किया है। उनके कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, इजरायल ने मंगलवार को ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले के जवाब में ईरानी रडार प्रतिष्ठान को निशाना बनाया और उस पर हमला किया। बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रम्प की प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद, इजराइल ने अतिरिक्त हमलों से परहेज किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को कहा कि वह ईरान में शासन परिवर्तन नहीं चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से अराजकता पैदा होगी। नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने दोहराया कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें फोन करके ईरान के मामले में सहायता की पेशकश की थी।
मंगलवार को नाटो शिखर सम्मेलन के लिए जाते समय एयर फोर्स वन से किए गए फोन कॉल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कथित तौर पर क्षेत्र में युद्ध विराम के बारे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक “दृढ़ और सीधा” संदेश दिया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार, ट्रम्प ने शांति बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और किसी भी वृद्धि पर अमेरिका की गहरी चिंताओं से अवगत कराया। अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता और राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को समझा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजरायल को चेतावनी दी कि वह अपने पायलटों को वापस बुलाए, क्योंकि वह इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम को बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे। ट्रंप ने पत्रकारों को यह भी बताया कि इजरायल और ईरान ने शत्रुता समाप्त करने के लिए मंगलवार की समय-सीमा के बाद हमलों के साथ युद्ध विराम की शर्तों का उल्लंघन किया। हेग में नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले ट्रम्प ने लगातार हमलों के बारे में निराशा व्यक्त की। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने इसका उल्लंघन किया लेकिन इजरायल ने भी इसका उल्लंघन किया। ट्रंप ने कहा कि मैं इजरायल से खुश नहीं हूं। लगभग उसी समय, उन्होंने ट्रुथ पोस्ट में कहा कि इजरायल। उन बमों को मत गिराओ। अगर तुम ऐसा करते हो तो यह एक बड़ा उल्लंघन है। अपने पायलटों को अभी घर ले आओ! इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर अब लागू हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा- अभी से सीजफायर लागू होता है। प्लीज इसे न तोड़ें।’
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है। ट्रंप ने कहा कि ईरान और इजरायल दोनों ने संघर्षविराम (सीजफायर) का उल्लंघन किया है। उन्होंने खासतौर पर इजरायल की आलोचना की, यह कहते हुए कि उसे संघर्षविराम के तुरंत बाद इतना बड़ा हमला नहीं करना चाहिए था। ट्रंप ने कहा कि मुझे यह पसंद नहीं आया कि इजरायल ने संघर्षविराम पर सहमति जताने के बाद तुरंत हमला कर दिया। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब इससे पहले इजरायल ने आरोप लगाया था कि ईरान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया, लेकिन ईरान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ईरान कभी भी अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वह ईरान से खुश नहीं हैं, और ये कि लेकिन इजरायल से बहुत नाखुश हैं।
कूटनीतिक तनाव को बढ़ाते हुए कतर के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ईरानी राजदूत अली सालेहबादी को तलब किया है। उन्होंने इसे अपनी संप्रभुता का “घोर उल्लंघन” बताया है। यह ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा अल-उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमले के जवाब में किया गया है। यह अमेरिकी और गठबंधन बलों की मेजबानी करने वाला एक रणनीतिक केंद्र है।
कतर के विदेश राज्य मंत्री महामहिम सुल्तान बिन साद अल मुरैखी ने कड़े शब्दों में विरोध व्यक्त करते हुए इस हमले को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि कतर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत “जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है”। निंदा को खास तौर पर चौंकाने वाली बात यह है कि कतर के ईरान के साथ ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध हैं और क्षेत्रीय तनावों को कम करने के लिए वह लगातार प्रयास करता रहता है। अल मुरैखी ने इस बात पर जोर दिया कि यह हमला “अच्छे पड़ोसी के सिद्धांत का पूरी तरह से खंडन करता है” और कतर द्वारा लंबे समय से समर्थित कूटनीतिक चैनलों को कमजोर करता है।
कतर ने खाड़ी में बढ़ते सैन्य संघर्ष के खतरों के प्रति चेतावनी देते हुए तत्काल तनाव कम करने और कूटनीति की ओर लौटने का आह्वान दोहराया।
ईरान के खतम अल-अनबिया केंद्रीय सैन्य मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि इज़राइल ने ईरान पर तीन चरणों में हमले किए, जो स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे (0530 GMT) तक जारी रहे।
ईरान-इजरायल संघर्ष पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है, वह चिंता का विषय है। विदेश मंत्रालय, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा तनाव कम करने की बातें कही जा रही हैं। भू-राजनीतिक अस्थिरता बहुत तनावपूर्ण है। हर युद्ध के अंतरराष्ट्रीय नतीजे होते हैं।”