हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की ईरान के तेहरान में हुई हत्या ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। हानिया जो ईरान में शपथ ग्रहण समारोह के लिए आया था, उसे निशाना बनाकर मौत के घाट उतार दिया गया। रॉकेट से हमला कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अब सारी उंगली इजरायल पर जा रही हैं, माना जा रहा है कि हमास से जो बदला लेने की कसम पिछले साल खाई थी, उसे पूरा किया गया है। जानकार मानते हैं कि इस एक हत्या की वजह से ईरान और इजरायल में युद्ध शुरू हो सकता है। तनाव तो पहले से है, लेकिन उसका जंग में बदल जाना पूरे मिडल ईस्ट को तबाह करने की क्षमता रखता है।

ईरान का अगला कदम

बड़ी बात यह है कि ईरान और इजरायल के रिश्ते पिछले काफी समय से खराब चल रहे हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि जब ईरान का टॉप कमांडर मारा गया था, ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 300 मिसाइल ईरान पर दाग दी थीं। इसके अलावा ड्रोन हमले भी बड़े स्तर पर किए गए थे। अब माना यह जा रहा है कि ईरान फिर इसी तरह का मिसाइल अटैक इजरायल पर कर सकता है। इसके ऊपर पूरे क्षेत्र में ईरान के कई प्रॉक्सी लड़ाके भी मौजूद हैं जो कई मौकों पर ईरान के कहने पर ही अपने दुश्मनों पर हमला करते हैं। एक बार फिर वैसा होता दिख सकता है।

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मस्जिद पर लाल झंडा, क्या मायने?

अब एक तरफ ईरान बदला लेने की बात कर रहा है, दूसरी तरफ ईरान के ही कोम में प्रमुख जामकरन मस्जिद के गुंबद पर लाल झंडा लगा दिया गया है। अब यह लाल झंडा काफी कुछ बताता है, इसका मतलब है कि ईरान इस हत्या से नाराज है, वो बदला लेने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। इस लाल झंडे को शहीदों के खून का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में संकेत तनाव बढ़ने वाले हैं, हमले की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। अगर दोनों देशों की सैन्य ताकत की बात करें तो इजरायल भारी पड़ता जरूर दिखता है।

कौन ताकतवर- ईरान या इजरायल?

विभिन्न देशों की सैन्य क्षमताओं की जानकारी देने वाली वेबसाइट GlobalFirePower.com से ईरान और इजरायल दोनों ही असल सैन्य क्षमता का पता चलता है। इजरायल का पावर इंडेक्स 0.2596 है, जबकि ईरान का 0.2269 है। इजरायल की ताकत का अंदाजा अपनी सैन्य ताकत के आधार पर वह 145 देशों की रैंकिंग में 17वें स्थान पर है, जबकि ईरान 14वें स्थान पर है। इजरायल की आबादी कुल 9,043,900 है. यहां 170,000 सक्रिय सैनिक और 465,000 आरक्षित सैनिक हैं। दूसरी तरफ ईरान की आबादी 79,050,000 है। ईरान में 610,000 सक्रिय सैन्यकर्मी और 350,000 आरक्षित सैन्यकर्मी हैं, ये सभी जरूरत पड़ने पर युद्ध में उतर सकते हैं।

दोनों ही देशों की थल सेना की बात करें तो ईरान के पास कुल 1996 टैंक हैं, जिनमें से 1397 इस समय जंग के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दूसरी ओर इजरायल की के पास 1370 टैंक हैं औऱ वह भी तुरंत ही 1096 टैंक्स का इस्तेमाल कर सकता है। ईरान के पास कुल 65,765 सैन्य वाहन हैं, जिनमें से 46 हजार से ज्यादा एक्टिव हैं। इजरायल के पास 43,407 सैन्य वाहन हैं, जिनमें से 34,736 एक्टिव मोड में हैं।

दोनों मुल्कों की हवाई ताकत की बात करें तो ईरान की वायुसेना के पास 551 एयरक्राफ्ट रिजर्व में रखे हुए हैं, जबकि, 358 एक्टिव हैं। इसी तरह इजरायली गुट के पास 612 रिजर्व और 490 एक्टिव एयरक्राफ्ट हैं। फाइटर जेट्क के मामले में ईरान के पास 186 हैं जिनमें से 121 हमले के लिए रैडी रहते हैं। दूसरी ओर इजरायल के पास 241 हैं, जिनमें से 193 हमला करने के लिए रैडी रहते हैं। जानकारी के मुताबिक ईरान के पास 86 ट्रांसपोर्ट विमान हैं। वहीं इजरायल के पास 12 हैं। ईरान के पास 102 ट्रेनर्स हैं, इजरायल के पास 155 ट्रेनर्स एयरक्राफ्ट हैं। ईरान के पास 129 हेलिकॉप्टर्स हैं। इजरायल के पास 146 हेलिकॉप्टर्स हैं। ईरान के पास 13 और इजरायल के पास 48 अटैक हेलीकॉप्टर भी हैं।

हमास हो जाएगा कमजोर?

समझने वाली बात यह है कि हानिया को जहां मारा गया है, वो ना फिलिस्तीन में है और ना ही आसपास के किसी इलाके में। उसे तो निशाना भी दूसरे देश की धरती पर बनाया गया है, वो देश जो पहले से ही इजरायल से पंगा लेकर बैठा है। वैसे जानकार मानते हैं कि इस एक हत्या का असर इजरायल-हमास के युद्ध पर भी पड़ सकता है। हमास के लिए ऑपरेट करना अब और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। हमास की जिम्मेदारी अब कौन लेगा, यह भी एक बड़ा सवाल रहने वाला है।