जैसे-जैसे ईरान के साथ इजरायल का टकराव बढ़ता जा रहा है, वैसे ही अमेरिकी निर्मित GBU-57 ‘बंकर बस्टर’ बम की चर्चा तेज हो गई है। GBU-57 ‘बंकर बस्टर’ ईरान के गहरे दबे परमाणु स्थलों पर हमला करने में सक्षम एकमात्र हथियार है। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सैन्य हस्तक्षेप पर विचार करते समय इसके उपयोग हरी झंडी देंगे?
इजरायल ने पहले ही कई परमाणु-संबंधित स्थलों को निशाना बनाया है और प्रमुख सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। लेकिन फोर्डो ईरान का सबसे अधिक किलेबंद भूमिगत यूरेनियम एनरिचमेंट प्लांट अछूता है। इसकी गहराई और निर्माण बाहरी मदद के बिना इसे नष्ट करना लगभग असंभव बनाता है। इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका अपने बंकर-बस्टिंग बम को तैनात करके अधिक सीधे हस्तक्षेप कर सकता है?
‘बंकर बस्टर’ क्या है?
बंकर बस्टर बम विस्फोट करने से पहले गहरे भूमिगत में घुसने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस मामले में यह विशेष रूप से जीबीयू-57ए/बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को रेफेर करता है, जोकि 30,000 पाउंड (13,600 किलोग्राम) का एक बम है, जिसे अमेरिकी वायु सेना के अनुसार, गहराई में दबे बंकरों और सुरंगों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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6.6 मीटर लंबाई, कठोर स्टील और फ्यूज सिस्टम से लैस GBU-57 विस्फोट से पहले चट्टान या कंक्रीट में 200 फीट (61 मीटर) तक घुसने में सक्षम है। ये गोला-बारूद की तुलना में बहुत गहरा है। सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के मिसाइल डिफेंस फेलो मासाओ डाहलग्रेन ने कहा, “यह इतने अधिक झटके और दबाव में तुरंत विस्फोट नहीं करेगा। इन हथियारों को चट्टानों की परतों को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है।” अमेरिका ने 2000 के दशक की शुरुआत में बम का डिजाइन बनाना शुरू किया था और बोइंग को 2009 में 20 यूनिट्स का ऑर्डर दिया गया था।
बम को कैसे तैनात किया जाता है?
GBU-57 को तैनात करने में सक्षम एकमात्र विमान US B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर है, जिसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन द्वारा निर्मित किया गया है। सैद्धांतिक रूप से पर्याप्त क्षमता वाला कोई भी विमान इसे पहुंचा सकता है लेकिन केवल B-2 को ही इस कार्य के लिए कॉन्फ़िगर और परीक्षण किया गया है। ईंधन भरने के बिना 7,000 मील (11,000 किमी) की सीमा के साथ और हवाई ईंधन भरने के साथ 11,500 मील (18,500 किमी) से अधिक B-2 दुनिया भर के लक्ष्यों तक पहुंच सकता है।
फोर्डो पर हमला करना इतना मुश्किल क्यों है?
नतांज या इस्फ़हान के विपरीत फोर्डो क़ोम शहर के पास लगभग 80 से 300 फ़ीट की चट्टान के नीचे दबा हुआ है। ये तेहरान से लगभग 95 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। पहाड़ के किनारे पर बना और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों द्वारा संरक्षित (जिनमें से कुछ पर पहले ही हमला हो चुका है) फोर्डो को हवाई बमबारी का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
हालांकि इजरायल ने पहले भी परमाणु स्थलों पर हमला किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने अब तक फोर्डो में किसी नुकसान की सूचना नहीं दी है। फ़ाउंडेशन फ़ॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज (FDD) में ईरान कार्यक्रम के निदेशक बेहनम बेन तालेब्लू ने कहा, “सभी की नजरें फोर्डो पर होंगी, जो लगभग 300 फ़ीट की चट्टान के नीचे दबा हुआ है।”
IAEA के अनुसार फोर्डो अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन जारी रखता है, जिससे यह चिंता बढ़ रही है कि GBU-57 का उपयोग करके किए गए हमले से रेडियोएक्टिव पदार्थ निकलने का जोखिम हो सकता है।
क्या इजरायल अकेले फोर्डो पर हमला कर सकता है?
इजरायल के पास GBU-57 और इसे तैनात करने के लिए विमान नहीं हैं। परमाणु विकल्प या उच्च जोखिम वाले ग्राउंड कमांडो हमले के अलावा बंकर बस्टर फोर्डो को नुकसान पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन इसके लिए अमेरिकी साथ की आवश्यकता होगी।
अमेरिका में इजरायल के राजदूत येचिएल लीटर ने चुनौती को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “यह पूरा ऑपरेशन वास्तव में फोर्डो के खात्मे के साथ पूरा होना चाहिए। फिर भी इज़राइल ने सार्वजनिक रूप से केवल रक्षात्मक मदद मांगी है। सब कुछ आप जानते हैं, आसमान में उड़ना और दूर से बमबारी करना नहीं है।”