इजरायली एयरक्राप्टों ने बुधवार को गाजा में हमला किया। इससे पहले इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू की एक रैली के दौरान फलिस्तीनी एनक्लेव की तरफ से सायरन बजाते विमान हवा में देखे गए थे जिसके बाद नेतन्याहू को रैली बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा था। इजरायल की सेना का कहना है कि 15 लक्ष्य को निशाना बनाया गया है। इसके अलावा हथियार बनाने वाले एक ठिकाने, नौसेना परिसर, हमास से जुड़ी सुरंगों पर भी निशाना लगाया गया है। हालांकि फिलहाल किसी के मारे जाने या घायल होने की कोई खबर नहीं है। आम चुनाव से एक सप्ताह पहले मंगलवार की शाम को नेतन्याहू एक रैली कर रहे थे इस दौरान सायरन की आवाज सुनकर सुरक्षाबलों ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

नेतन्याहू पूरी तरह से इस रैली से सुरक्षित निकले और उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी स्पीच जारी रखी। जिसे दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी ने लाइव प्रसारित किया। हालांकि उनका रैली के दौरान पोडियम से बाहर जाना विरोधियों को मौका दे गया। विपक्ष के नेताओं ने उनपर आरोप लगाया कि वह क्रॉस बॉर्डर रॉकेट रोकने में असफल रहे हैं। इजरायली सेना का कहना है कि गाजा स्ट्रिप से दो रॉकेट दागे गए थे। एक रॉकेट अशदोद और दूसरा एशकेलान की तरफ मारे गए थे। इन दोनों रॉकेटों को डोम एंटीमिसाइल सिस्टम के जरिए इंटरसेप्ट किया गया।

सेना का कहना है कि बुधावर को गाजा पर किया गया हमला रॉकेट लॉन्चिंग का जवाब है। मंगलवार को हुए रॉकेट हमले को लेकर जल्द जिम्मेदारी नहीं ली गई। यह हमला बेंजामिन द्वारा किए गए कुछ घंटों पहले ही वादा के बाद हुआ था। दरअसल नेतन्याहू ने वादा किया कि दोबारा चुने जाने पर वह जॉर्डन घाटी को वेस्‍ट बैंक में मिला देंगे। इजराइल ने 1967 के युद्ध में गाजा को जब्त कर लिया और 2005 में यहां के बाशिंदों और सैनिकों को बाहर निकाल दिया। मिस्र के साथ सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए इस इलाके की सीमाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाता है।हमास और इजरायल पिछले एक दशक में तीन बार युद्ध लड़ चुके हैं।