Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध में बेडौइन अरब सैनिकों की काफी चर्चा हो रही है। इस युद्ध में इन सैनिकों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायल और गाजा को हिंसा के भंवर में झोंकने के बाद इजरायली पक्ष के हताहतों में कम से कम चार बेडौइन सैनिक शामिल हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में स्थानीय इजरायलियों को हमास लड़ाकों के खिलाफ प्रभावी बचाव के लिए अशरफ नाम के एक बेडौइन कमांडर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दिखाया गया है।
बेडौइन एक खानाबदोश मुस्लिम अरब लोग हैं, जो मुख्य रूप से दक्षिणी इज़रायल के नेगेव रेगिस्तान में रहते हैं। वे पारंपरिक रूप से बिना किसी शक्तिशाली या विशिष्ट राष्ट्रीय संबद्धता वाले चरवाहे रहे हैं, जो लगभग डेढ़ सदी पहले तक अपने पशुओं के साथ सऊदी अरब और सिनाई के बीच के क्षेत्र में घूमते थे।
बेडौइन इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) में कैसे शामिल हुए?
ओटोमन शासन के पिछले कई दशकों के दौरान बेडौइन ने बड़े पैमाने पर अलग-थलग जीवन जीना शुरू किया। इज़रायल के गठन से पहले बेडौइन के समूहों को फिलिस्तीन में अपने समुदायों के समूहों की रक्षा के लिए शुरुआती यहूदी निवासियों द्वारा नियोजित किया गया था। 1948-49 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान कई बेडौइन ने यहूदी मिलिशिया और नवगठित आईडीएफ को बहुमूल्य खुफिया जानकारी प्रदान की और उनमें से कुछ ने यहूदियों के साथ अरब सेनाओं के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी।
1950 के दशक में इज़रायल ने बड़ी संख्या में बेडौइन को अपने नागरिकों के रूप में मान्यता दी, और बाद में नेगेव में उनके लिए बस्तियां बनाने में मदद की। कई बेडौइन आईडीएफ में मुख्य रूप से स्काउटिंग या ट्रैकिंग इकाइयों में काम करते रहे। 1970 में आईडीएफ की दक्षिणी कमान में एक बेडौइन स्काउटिंग इकाई स्थापित की गई थी, और तब से अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की इकाइयां स्थापित की गई हैं। 1986 में एक रेगिस्तान-स्काउटिंग इकाई का गठन किया गया, जिसको गाजा पट्टी के पास तैनात किया गया।
2003 में आईडीएफ ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेवा देने के लिए मुख्य रूप से बेडौइन की कई विशेष खोज और बचाव इकाइयां बनाईं। 1993 में इज़रायल ने गलील में एक पहाड़ी की चोटी पर बेडौइन योद्धाओं के लिए एक स्मारक का उद्घाटन किया, जिसमें देश की सेवा में अपनी जान गंवाने वाले 154 बेडौइन सैनिकों के नाम थे। टूटे हुए दिल का बगीचा बेडौइन सैनिकों को समर्पित है, जिनको दफनाने का स्थान अज्ञात हैं।
क्या बेडौइन के लिए आईडीएफ के साथ प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है?
नहीं, आर्मी ट्रेनिंग केवल इजरायल की यहूदी आबादी के लिए अनिवार्य है। हालांकि, कई बेडौइन युवा भी स्वेच्छा से काम करते हैं। आईडीएफ के कई बेडौइन सैनिक रक्षा बलों में शामिल होने की परंपरा वाले परिवारों से आते हैं।
2021 में रिकॉर्ड संख्या में लगभग 600 बेडौइन स्वेच्छा से इजरायली सेना में शामिल हुए। 2014 की एक पोस्ट में आईडीएफ ने अपने फेसबुक पेज पर दावा किया कि “हर साल लगभग 450 बेडौइन पुरुष आईडीएफ में सेवा करने के लिए स्वेच्छा से आते हैं”।
बेडौइन किस हद तक इजरायली समाज में एकीकृत हैं?
रेगिस्तानी टोही इकाइयों में सेवारत कई बेडौइन इज़रायल के उत्तर से आते हैं। उत्तर में शिबली जैसे समुदायों में बेडौइन 1950 के दशक से यहूदी और अरब समुदायों के साथ सह-अस्तित्व में हैं। एक व्यक्ति जिसने सेना में भर्ती की और अब इजरायली सिविल सेवाओं के साथ काम करता है। उसने पिछले साल एक इंटरव्यू में बताया कि इजरायली सेना के साथ प्रशिक्षण ने उसे यहूदी संस्कृति के पहलुओं की सराहना करने में मदद की, भले ही उसे शुरुआत में हिब्रू भाषा के साथ संघर्ष करना पड़ा।
इज़रायल में बेडौइन की आबादी वर्तमान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले 210,000 की है, जिनमें से दक्षिण में नेगेव रेगिस्तान में एक महत्वपूर्ण उपस्थिति है। 2020 में इजरायली विदेश मंत्रालय ने इश्माएल खाल्दी को इजरायल का पहला बेडौइन राजदूत नियुक्त किया। इजरायल में पहली बेडौइन हाई-टेक कंपनी (सैडेल टेक्नोलॉजीज) एक बेडौइन इब्राहिम सना और उसके दो सहयोगियों स्थापित की गई थी।
नवंबर 2022 में इज़रायली सरकार ने ऑपरेशन नेगेव शील्ड लॉन्च किया, जिसका एक लक्ष्य युवाओं को आपराधिक गतिविधियों से दूर रखने के उद्देश्य से शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से बेडौइन समुदायों को समाज में एकीकृत करने में मदद करना है। प्रत्येक सप्ताह, आईडीएफ अधिकारी बच्चों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न बेडौइन समुदायों के स्कूलों का दौरा करते हैं।