Israel-Hamas War: गाजा पट्टी से हमास की मौजूदगी को खत्म करने की इजरायल की प्रतिज्ञा ने उसके अन्य दुश्मन हिजबुल्लाह को उकसा दिया है। दशकों से हिजबुल्लाह इजरायल के उत्तर में स्थित लेबनान में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ताकत रहा है। इजरायल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर से हुई, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर उसके 1400 नागरिकों को मार डाला।

हिज़बुल्लाह लेबनान में ईरान से समर्थन प्राप्त शिया इस्लामी राजनीतिक पार्टी और अर्द्धसैनिक संगठन है। साल 1992 से इसकी अगुवाई सैय्यद हसन नसरुल्लाह कर रहे हैं, जो इजरायल के खिलाफ धमकियों भरे भाषण देने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस महीने इजरायल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत होने के बाद से उन्होंने अभी तक कोई सार्वजनिक भाषण नहीं दिया।

हिजबुल्लाह क्या है?

हिजबुल्लाह, जिसका अर्थ है “अल्लाह की पार्टी” जो हमास का सहयोगी है। इसकी स्थापना 1982 में लेबनान पर आक्रमण करने वाली इजरायली सेना से लड़ने के लिए ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा की गई थी। तब से यह इज़रायल का कट्टर दुश्मन बना हुआ है। इजरायल इस संगठन को अपनी सीमाओं पर सबसे बड़े खतरे के रूप में देखता है। साल 2000 में इजरायल के पीछे हटने के बाद हिज़बुल्लाह ने अपनी सैन्य टुकड़ी इस्लामिक रेज़िस्टेंस को मज़बूत करना जारी रखा। ये समूह रेज़िस्टेंस ब्लॉक पार्टी के प्रति अपनी वफ़ादारी के चलते धीरे-धीरे लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था में इतना अहम बन गया कि इस देश की कैबिनेट में वीटो शक्ति तक हासिल कर ली।

2006 के बाद से लेबनानी-इजरायल सीमा पर सबसे गंभीर वृद्धि में हिजबुल्लाह इजरायली सेना के साथ गोलीबारी कर रहा है, जब हिजबुल्लाह और इज़राइल ने युद्ध लड़ा था। तब से, इसके शस्त्रागार का विस्तार हुआ है और इसके सेनानियों ने सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थन में सीरिया में लड़ाई लड़ी है। हिजबुल्लाह ने सीरिया और इराक में अर्धसैनिक समूहों को प्रशिक्षित किया है और यमन के ईरान-सहयोगी हौथिस जैसी अन्य ताकतों को भी उकसाया है।

हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन मानता है अमेरिका

अमेरिका अक्टूबर 1983 में बेरूत में समुद्री मुख्यालय को नष्ट करने वाले आत्मघाती बम विस्फोट के लिए हिजबुल्लाह को जिम्मेदार मानता है। इस विस्फोट में 241 सैनिक मारे गए थे। इसके अलावा 1983 में अमेरिकी दूतावास और 1984 में इसके उपनगर पर दो आत्मघाती बम विस्फोट हुए थे।

लेबनान में हिजबुल्लाह?

हिजबुल्लाह और उसके राजनीतिक सहयोगियों ने पिछले साल एक चुनाव में लेबनान की संसद में अपना बहुमत खो दिया था, लेकिन उसके बावजूद यह समूह एक राजनीतिक ताकत बना रहा और दक्षिणी लेबनान सहित देश के कुछ हिस्सों पर वास्तविक नियंत्रण बनाए रखा।

इज़रायल ने लेबनान पर हमला किया

इज़रायल ने गाजा पर हवाई हमले किए और उसके विमानों ने 23 अक्टूबर की रात भर दक्षिणी लेबनान पर हमला किया। इसकी सेना ने कहा कि इजरायली विमानों ने लेबनान में दो हिजबुल्लाह सेल्स पर हमला किया, जो इजरायल की ओर एंटी-टैंक मिसाइल और रॉकेट लॉन्च करने की योजना बना रहे थे। इजराइल की सेना ने यह भी कहा कि उसने हिजबुल्लाह के अन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें एक परिसर और एक निगरानी चौकी भी शामिल है।

युद्ध के बीच इजरायल का समर्थन नहीं कर रहे देश

7 अक्टूबर को इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित लेबनानी समूह हिजबुल्लाह ने पहले से ही इजरायल के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है, जबकि अन्य ने अमेरिकी हितों को खतरे में डाल दिया है। यहां गाजा और फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले देश में लेबनान, तुर्की, सीरिया, यमन, इराक और सूडान शामिल हैं।