इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा में मंगलवार को किए गए हवाई हमले सिर्फ शुरुआत है और सभी युद्धविराम से जुड़ी सभी वार्ताएं हमले जारी रहने के दौरान होंगी। राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित रिकॉर्डेड बयान में नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल तब तक हमले करता रहेगा जब तक कि वह अपने सभी युद्ध लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेता, जिसमें हमास को नष्ट करना और इसके द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को छुड़ाना शामिल है।
नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हमास द्वारा इससे पहले रिहा किए गए बंधकों से यह साबित हो गया है कि बंधकों को छुड़ाने के लिए सैन्य दबाव एक आवश्यक शर्त है। जनता को हमास द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार से बचना चाहिए और उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इजरायल को उसके युद्ध उद्देश्यों को प्राप्त करने से नहीं रोका जा सकता।
इजरायल की गाजा पट्टी में एयरस्ट्राइक
इजरायल ने मंगलवार सुबह गाजा पट्टी क्षेत्र में हवाई हमले किए, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 404 फिलीस्तीनी मारे गए। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अचानक किये गए इस हमले की वजह से जनवरी से लागू सीजफायर टूट गया और 17 महीने से जारी युद्ध के फिर से शुरू होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्षविराम समझौते में बदलाव की इजरायली मांग को हमास द्वारा अस्वीकार किये जाने के बाद हमले का आदेश दिया। अधिकारियों ने कहा कि हमले का दायरा बढ़ने की संभावना है।
इजरायल की सीरिया पर एयर स्ट्राइक, सीजफायर टूटने का खतरा
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा कि हमला करने से पहले उससे सलाह ली गई है और उसने इजरायल के फैसले का समर्थन किया। इजराइली सेना ने लोगों को पूर्वी गाजा छोड़ने और मध्य की ओर बढ़ने का आदेश दिया, जिससे संकेत मिलते हैं कि इजरायल जल्द ही नये सिरे से जमीनी सैन्य अभियान शुरू कर सकता है।
‘इजरायल अब सैन्य ताकत बढ़ाकर हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा’
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘‘इजरायल अब सैन्य ताकत बढ़ाकर हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा।’’ रमजान के महीने के दौरान हुए इस हमले से वह युद्ध फिर से शुरू हो सकता है, जिसमें पहले ही हजारों फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा में व्यापक तबाही हुई है। साथ ही, इससे हमास द्वारा बंधक बनाए गए लगभग दो दर्जन इजराइली बंधकों की स्थिति को लेकर भी सवाल उठते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे अब भी जीवित हैं। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नेतन्याहू का युद्ध फिर से शुरू करने का फैसला शेष बंधकों के लिए मौत की सजा के बराबर है। इज़्ज़त अल-रिशेक ने नेतन्याहू पर अपने गठबंधन को बचाने के लिए हमले शुरू करने का आरोप लगाया और मध्यस्थों से कहा कि वे इस तथ्य का खुलासा करें कि संघर्षविराम किसने तोड़ा। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(एपी के इनपुट के साथ)