इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने बुधवार को फिलीस्तीनियों को गाजा शहर छोड़ने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए अंतिम मौका है। इजरायली रक्षा मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग शहर में रुकेंगे, उन्हें आतंकवादियों का समर्थक माना जाएगा और उन्हें इजरायल के नए हमलों का सामना करना पड़ेगा।

इजरायल के हमले जारी

इस बीच गाजा के स्थानीय अस्पतालों ने जानकारी दी है कि इजरायल द्वारा बुधवार को किए गए हमलों में कम से कम 16 फिलीस्तीनी मारे गए। ये घटनाक्रम ऐसे समय हुए हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास द्वारा सात अक्टूबर 2023 को इजराइल में किये गए हमले के बाद शुरू युद्ध को समाप्त कराने के लिए 20 सूत्र नया प्रस्ताव पेश किया है। इसपर हमास संगठन विचार कर रहा है।

पिछले महीने इजरायल द्वारा गाजा पर कब्जा करने के लिए शुरू किए गए बड़े हमले के बाद से लगभग चार लाख फिलीस्तीनी गाजा शहर से पलायन कर चुके हैं। लेकिन हजारों लोग अब भी वहां हैं, जिनमें से कई इतने कमजोर हैं कि दक्षिणी हिस्से में स्थित शिविरों तक नहीं जा सकते।

इजरायल-हमास की लड़ाई में 66,000 से ज्यादा फिलीस्तीनी मारे गए, गाजा में हालात बेहद खराब

इजरायल ने दी फाइनल वार्निंग

इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह उन गाजा निवासियों के लिए अंतिम अवसर है जो दक्षिण की ओर जाना चाहते हैं और हमास आतंकवादियों को गाजा शहर में अलग-थलग छोड़ना चाहते हैं। जो लोग गाजा में रहेंगे उन्हें आतंकवादी और आतंकवाद समर्थक माना जाएगा।”

अधिकारियों के मुताबिक इजरायली हमले में मारे गए लोगों में वे भी शामिल हैं, जिन्होंने गाजा शहर में विस्थापितों के लिए बने एक केंद्र में थे। अल-अहली अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक शहर के पूर्वी जितून इलाके में स्थित अल-फलाह स्कूल पर कुछ ही मिनटों के अंतराल पर दो बार हमले हुए। उन्होंने बताया कि हताहतों में पहले हमले के बाद मदद के लिए पहुंचे लोग भी शामिल हैं। अस्पताल ने बताया कि बुधवार सुबह गाजा शहर के पश्चिमी हिस्से में एक पेयजल टैंक के आसपास जमा लोगों पर हुए हमले में पांच फिलीस्तीनी मारे गए।

अल-अवदा अस्पताल के मुताबिक मध्य गाजा स्थित नुसरत शरणार्थी शिविर पर भी इजरायली हमले हुए, जिसमें एक दंपति की मौत हो गई। उसने बताया कि बुरेज शरणार्थी शिविर पर एक अन्य हमले में एक और व्यक्ति मारा गया। इजरायली सेना ने बुधवार के हमलों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

ट्रंप का शांति प्रस्ताव

इस बीच ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्देलती ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रस्ताव में कुछ पहलुओं पर और बातचीत की ज़रूरत है। वहीं हमास ने कहा कि वह इस योजना का अध्ययन करेगा, और यह स्पष्ट नहीं है कि वह कब प्रतिक्रिया देगा। दो प्रमुख मध्यस्थों कतर और मिस्र की टिप्पणियों से अरब देशों की 20 सूत्री योजना के प्रस्ताव के प्रति असंतोष झलकता है। इस प्रस्ताव को व्हाइट हाउस में ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा सोमवार को सहमति जताए जाने के बाद पेश किया था।