इजरायल ने शुक्रवार सुबह (13 जून) ईरान पर अटैक किया। इस हमले में ईरान के 78 लोग मारे गए हैं। इस बीच शुक्रवार देर शाम इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन मिलाया। दोनों नेताओं के बीच इजरायल और ईरान के बीच ताजा संघर्ष को लेकर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने सोशल मीडिया हैंडल X के माध्यम से इसकी जानकारी दी।
जानें मोदी-नेतन्याहू के बीच क्या बात हुई
पीएम मोदी ने लिखा, “इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का फोन आया। उन्होंने मुझे मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। मैंने भारत की चिंताओं को साझा किया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया।”
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि इजराइल ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर हमला किया है। इसके बाद ईरान में एयरस्पेस को बंद कर दिया गया। ईरान सरकार ने देशभर में इमरजेंसी लागू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि इजरायल के हमले में ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है। इस बीच, ईरान और इजराइल में भारतीय दूतावासों ने देश में अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें उन्हें गैरजरूरी यात्रा करने से बचने के लिए कहा गया है।
क्या ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल के हमले से विस्फोट या रेडियोएक्टिव लीक हो सकता है?
इजरायल को अमेरिका का समर्थन
इजरायल ने कार्रवाई को ईरान के परमाणु हथियार बनाने के प्रयासों को विफल करने के उद्देश्य से बताया। इस हमले को लेकर इजरायल को अमेरिका का समर्थन भी हासिल है। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु डील भी चल रही है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है और ‘आखिरी मौका’ भी दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दो महीने पहले ईरान को परमाणु समझौता करने के लिए 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया। ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, “आज 61वां दिन है। मैंने उन्हें बताया कि क्या करना है, लेकिन वे वहां तक नहीं पहुंच पाए। अब उनके पास शायद दूसरा मौका है।” बता दें कि ट्रंप ने ईरान के वार्ता की टेबल पर लौटने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते।