इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘जेहादी जॉन’ के नाम से चर्चित नकाबपोश ब्रिटिश आतंकवादी पिछले साल नवंबर में सीरिया के रक्का शहर में अमेरिका की अगुवाई वाले ड्रोन हमले में मारा गया। आतंकवादी संगठन ने अपनी आॅनलाइन प्रचार पत्रिका ‘दाबिक’ में इस आतंकवादी के लिए शोक संदेश प्रकट किया है। उसका असली नाम मोहम्मद एमवाजी था पर वह अबू मुहारिब अल-मुहाजिर नाम से भी जाना जाता था। एमवाजी को लोगों का सिरकलम करने वाले आइएस आतंकवादी के रूप में जाना जाता था।
सिरकलम से संबंधित कई वीडियो में वह नकाब में नजर आया। अमेरिकी सेना ने कहा था कि उसे यकीन है कि कि उसने आइएस की मजबूत पकड़ वाले रक्का में एमवाजी को मार गिराया। नवंबर में जब उसके मरने की खबर आई थी तब प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था कि एमवाजी को निशाना बनाना ‘उपयुक्त कदम उठाना रहा’। हमले के दौरान तीन ड्रोन – एक ब्रिटिश और दो अमेरिकी – शामिल थे। एक अमेरिकी ड्रोन ने कार को निशाना बनाया और माना जाता है कि इस कार में एक अन्य व्यक्ति भी था। कुवैत में जन्मा एमवाजी ब्रिटिश सहायताकर्मी डेविड हैंस और टैक्सी ड्राइवर एलान हेनिंग समेत कई बंधकों का सिरकलम करने संबंधी वीडियो में नजर आया था। शोक संदेश में आइएस के कई फतहों में उसकी भागीदारी का उल्लेख है।
एमवाजी की तरफ दुनिया का ध्यान तब गया जब वह आइएस के वीडियो में अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली की हत्या करते हुए दिखा। उसने पूरे शरीर में चुस्त कपड़े पहने थे और बस आंखें नजर आ रही थीं। वह बाद में अमेरिकी पत्रकार स्टीवन सोटलोफ, ब्रिटिश सहायताकर्मी डेविड हैंस और एलान हैनिंग और नवंबर, 2014 में अमेरिकी सहायता कर्मी पीटर कासिग का सिरकलम करते हुए कई वीडियो में नजर आया।