अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के समीप आतंकवादियों द्वारा बुधवार को कई घंटों तक की गई गोलीबारी में कम से कम सात अफगान सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। यह हमला तालिबान शांति वार्ता बहाल करने के मकसद से इस्लामाबाद में चार देशों की बातचीत होने के कुछ ही दिन बाद हुआ है। अभी तक किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
सर्दियों में तालिबान की हिंसक गतिविधियों में तेजी आने के बीच यह हमला हुुआ है और इस हमले के पहले क्षेत्र में भारतीय प्रतिष्ठानों पर कई हमले हुए हैं। घटनास्थल के पास ही एक स्कूल भी है और इस हमले से भयभीत छात्र वहां से भागने लगे। भारतीय राजनयिक मिशन भी वहां से पास है। हमला शुरू होने के चार घंटे बाद गृह मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने ट्विटर पर बताया, ‘आतंकवादी हमले के परिणामस्वरूप हमारे सात सुरक्षाकर्मी मारे गए और सात अन्य घायल हो गए।’
अफगान बलों ने वाणिज्य दूतावास के पास खाली पड़े सरकारी गेस्टहाउस में छिपे सभी बंदूकधारियों को मार गिराया है। इलाके में एक आत्मघाती विस्फोट के बाद उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ भारी मुठभेड़ हुई। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि वह काबूल में अपने दूतावास तथा अफगान अधिकारियों के संपर्क में है। लेकिन उसने आगे कोई जानकारी नहीं दी। इस महीने ही भारतीय प्रतिष्ठानों पर दो बार हमले हुए हैं। एक हमला अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ स्थित वाणिज्य दूतावास पर किया गया। वहीं भारतीय प्रांत पंजाब में वायुसेना के एक अड्डे पर इस्लामी चरमपंथियों ने हमला किया।
पिछले मंगलवार को जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के पास छोटा बम विस्फोट हुआ था लेकिन उसमें किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले महीने अचानक पाकिस्तान की यात्रा किए जाने के बाद से हिंसा में तेजी आई है। भारत अफगानिस्तान में तालिबान के बाद की सरकार का समर्थक रहा है। इसी हफ्ते अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अमेरिका और चीन के प्रतिनिधियों ने ठहरी हुई तालिबान शांति वार्ता को बहाल करने के प्रयास से मुलाकात की थी। वहीं सत्ता से बेदखल किए जाने के 14 साल बाद चरमपंथियों ने हिंसक गतिविधियां तेज कर दी हैं। चार देशों के समूह के अगले दौर की बैठक 18 जनवरी को काबुल में होनी है।