पाकिस्‍तान ने कश्‍मीर में जारी हिंसा पर संयुक्‍त राष्‍ट्र के सामने विरोध जताया है। मंगलवार को पाकिस्‍तान की तरफ से सुरक्षा परिषद के वीटो पावर वाले पांच देशों से कहा गया कि वे कश्‍मीर की बेकाबू स्थिति का संज्ञान लें। पाकिस्‍तान ने यह भी कहा कि नई दिल्‍ली को हिंसाग्रस्‍त विव‍ादित हिमालय के इस प्रदेश में मानवाधिकारों का सम्‍मान करने को कहा जाना चाहिए। पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून में छपी खबर के अनुसार, विदेश सचिव अयाज अहमद चौधरी ने सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍यों- चीन, फ्रांस, रशियन फेडरेशन, ब्रिटेन और अमेरिका के राजदूतों को कश्‍मीर के तनावग्रस्‍त हालात से रूबरू कराया। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, चौधरी ने ‘भारत के सुरक्षा बलों द्वारा कश्‍मीर के नागरिकों की बर्बर हत्‍याएं और उनके मूल अधिकारों के उल्‍लंघन’ पर चिंता जताई।

घाटी में भारतीय सेना द्वारा अलगाववादी नेता और हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को पिछले शुक्रवार मार गिराए जाने के बाद हिंसा फैली हुई है। अब तक 35 लोग मारे जा चुके हैं। चौधरी ने राजदूतों को बताया कि वानी की हत्‍या का विरोध करते नागरिकों पर भारतीय सुरक्षा बलों ने बहुत ज्‍यादा बल प्रयोग किया, इसलिए वे मारे गए। चौधरी ने कहा कि भारत को एक निष्‍पक्ष जांच कर इन हत्‍याओं के जिम्‍मेदारों को सामने लाना चाहिए।

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चौधरी ने भारत के उसके घरेलू मामलों में दखल न देने की चेतावनी को भी खारिज कर दिया। उन्‍होंने जम्‍मू और कश्‍मीर के विवादित मुद्दे पर जोर दिया और कहा कि निर्दोष कश्‍मीरियों की हत्‍या को आतंकवाद के परिप्रेक्ष्‍य में छिपाया नहीं जा सकता। भारत ने पाकिस्‍तान को सख्‍त लहजे में चेताया है कि वह ‘हमारे अंदरूनी मामलों में दखल देने’ की कोशिश न करे।