बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाने की खबर सामने आई है। देश राजधानी ढाका में इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर गुरुवार को भीड़ ने हमला कर दिया और तोड़फोड़ की। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके कारण वारी में 222 लाल मोहन साहा स्ट्रीट पर स्थित मंदिर के कई सदस्य घायल हो गए हैं। कीमती वस्तुओं की लूटपाट भी हुई है।
इस्कॉन पर यह हमला कथित तौर हाजी शफीउल्लाह की अगुवाई में हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर पर करीब 200 लोगों की भीड़ ने गुरुवार शाम करीब 7 बजे हमला किया। यहां जमकर तोड़फोड़ की गई और कीमती वस्तुएं लूट लिया गया। घटना के बाद के वीडियो और फोटो में इस्कॉन की दीवारें टूट गई हैं। इलाके में तनाव का माहौल है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
यह पहली बार नहीं जब देश में हिंदुओं के मंदिर पर हमला हुआ है। पिछले साल, बांग्लादेश के कोमिला शहर में नानूर दिघी झील के पास एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान रखकर उसका अपमान करने की खबर फैलने के बाद हिंसा भड़क गई थी। पूरे देश में बवाल हुआ था।
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि बीती शाम जब श्रद्धालु गौर पूर्णिमा उत्सव की तैयारी कर रहे थे, तब 200 लोगों की भीड़ ने श्री राधाकांत मंदिर, ढाका के परिसर में प्रवेश किया और उन पर हमला किया। उनमें से 3 हाथापाई में घायल हो गए। उन्होंने पुलिस को बुलाया और बदमाशों को भगाने में सफल रहे।
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राधारमण दास ने आगे कहा कि ये हमले गंभीर चिंता का विषय हैं। हम बांग्लादेश सरकार से सख्त कार्रवाई करने और देश में हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करते हैं। यह घटना बांग्लादेश सरकार के अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के आश्वासन के बावजूद हुई है।
इसके बाद यहां जमकर बवाल हुआ था और कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले ढाका के टीपू सुल्तान रोड और चटगांव के कोतवाली में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं। पिछले साल 16 अक्टूबर को नोआखली शहर में भीड़ ने एक इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ की थी और एक सदस्य की मौत हो गई थी। उसका शव मंदिर के बगल में एक तालाब में मिला था। घटना पर इस्कॉन समुदाय ने ट्वीट करके हमला पर दुख जताया था। साथ ही बांग्लादेश सरकार से सभी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और न्याय दिलाने के लिए कहा था।