वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री और सीआईए के पूर्व निदेशक लियान पेनेटा ने कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का आतंकवादी समूहों के साथ करीबी संबंध होना जगजाहिर बात है तथा इसी वजह से अमेरिका ने इस्लामाबाद में ओसामा बिन लादेन के छिपने के ठिकाने पर धावा बोलने की खुफिया जानकारी को साझा नहीं किया था।
पेनेटा ने यह बात अपनी नयी पुस्तक ‘‘वर्दी फाइट्स : ए मेमोयर आफ लीडरशिप इन वार एंड पीस’’ में कही है जो कल ही बाजार में आयी है। वह अपनी किताब में लिखते हैं, ‘‘हम इस बात पर महीनों से विचार विमर्श कर थे और यह बात जगजाहिर है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के आतंकवादी समूहों के साथ संबंध है…यही कारण था कि हमने बिन लादेन संबंधी अपनी जानकारी को आईएसआई के साथ साझा नहीं किया।’’
पेनेटा ओबामा प्रशासन के पहले कार्यकाल में सीआईए के निदेशक थे और बाद में वह रक्षा मंत्री बन गये थे।
इन दोनों पदों पर रहते हुए पेनेटा ने अमेरिका पाकिस्तान संबंधों की मजबूत पैरवी की थी। जब भी आतंकवादी संगठनों के साथ आईएसआई के संबंध होने के आरोप लगते थे तो पेनेटा सदा पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी के बचाव में सामने आते थे।
हालांकि ओबामा प्रशासन से हटने के करीब दो साल बाद अपनी नई पुस्तक में पेनेटा ने बिल्कुल नये सुर में अपनी बात कही है।
पेनेटा लिखते हैं, ‘‘राष्ट्रपति ओबामा के साथ काम करने के दौरान मुझे जिन सर्वाधिक जटिल संबंधों से निबटना पड़ा उनमें से एक था अमेरिका एवं पाकिस्तान के बीच का संबंध।’’
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘उनके मूल में यह है कि दोनों देशों को एक दूसरे की मदद की जरूरत है लेकिन हम एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते।…।’’
सीनेट की एक समिति के समक्ष दिये गये ज्वाइंट चीफ्स आफ स्टाफ के तत्कालीन प्रमुख एडमिरल मुलेन के एक बयान का जिक्र करते हुए पेनेटा ने कहा कि मुलेन ने उस रोज सत्य बोला था।
पेनेटा लिखते हैं, ‘‘अधिकतर समय, पाकिस्तान को लेकर हमारी बेचैनी सामने नहीं आती। हम सरकार के अंदरूनी गलियारों में इसे लेकर बड़बड़ाते हैं लेकिन सार्वजनिक तौर पर भले बने रहते हैं। इसके बाद 22 सितंबर को एडमिरल मुलेन ने ज्वाइंट चीफ्स के चेयरमैन के अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में एक बेबाक सत्य बोला और वह भी सार्वजनिक रूप से।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष मुलेन ने जब अपना बयान दिया तो वहां मैं भी उनके साथ बैठा था। उन्होंने घोषणा की कि अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के खिलाफ लड़ रहा एक प्रमुख विद्रोही समूह हक्कानी नेटवर्क, पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी की प्रत्यक्ष शाखा है।’’
पनेटा लिखते हैं, ‘‘मुलेन ने यह भी कहा कि यह नेटवर्क काबुल में अमेरिकी दूतावास पर हुए हालिया हमले और उसी शहर में इंटर कांटिनेंटल होटल पर 28 जून को हुए हमले के पीछे था। मुलेन ने हमारे पाकिस्तानी सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे (कुछ आतंकी समूहों को) उकसाकर अमेरिकी बलों, राजनयिकों एवं नागरिकों पर हमले करवा रहे हैं। निश्चित तौर पर इससे :मुलेन के बयान से: विवाद होना था और हुआ भी। लेकिन इस बात पर हैरत जताए जाने से मुझे आश्चर्य हुआ।’’ उन्होंने यह भी लिखा कि मुलेन का बयान एक ज्ञात तथ्य था।