Iran-Israel War: ईरान और इजरायल युद्ध में अमेरिका की क्या भूमिका रहेगी, इसे लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने अपने दो बी बॉम्बर विमान को गुआम भेज दिया है। अब अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका द्वारा भेजे गए ये दो विमान क्या ईरान-इजरायल युद्ध में शामिल होंगे या फिर नहीं।

ईरान पर होने वाला है बड़ा एक्शन?

असल में राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से अभी कोई भी फैसला नहीं लिया गया है, इसी वजह से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। नाम ना बताने की शर्त पर रॉयटर्स को ही कुछ अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें सिर्फ गुआम तक पहुंचने का निर्देश दिया गया है। इसके आगे अभी तक कोई और इनपुट नहीं मिला है। खबर तो यह भी है कि अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप एक अहम मीटिंग करने वाले हैं।

B2 की खास बात क्या है?

जानकारी के लिए बता दें कि गुआम अमेरिका के अलाय जापान और ताइवान के करीब एक छोटा सा द्वीप है। ईरान से इस द्वीप की दूरी 9000 किलोमीटर से भी ज्यादा बताई जाती है। इस दूरी की वजह से ही अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका किस रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। B2 की खास बात यह भी है कि यह परमाणु हथियारों को आसानी से और सटीकता के साथ एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है।

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ईरान को क्यों डरना चाहिए?

यूएस एयरफोर्स का बी-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर एक एडवांस वेपन प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है। यह किसी भी देश के कितने भी एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम को आसानी से भेद सकता है। बड़ी बात यह है कि ईरान के अंडरग्राउंड न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी के नेटवर्क जैसे कठिन लक्ष्यों पर भी इसकी सटीक कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

ट्रंप के अगले आदेश का इंतजार

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अगर अमेरिकी विमान इस युद्ध में कोई भूमिका निभाने भी वाले हैं या नहीं। इतना जरूर है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो हफ्ते का वक्त मांगा था। उनके मुताबिक वे ईरान को 14 दिन का समय और देने को तैयार थे। लेकिन क्या अब रणनीति में कोई बदलाव हो गया है, आखिर किस मंशा के साथ गुआम की तरफ अमेरिकी विमान उड़े हैं?