नरेंद्र मोदी के भारत के किसी प्रधानमंत्री के रूप में 59 साल बाद आयरलैंड पहुंचने पर यहां के उनके समकक्ष इंडा केनी ने उन्हें अपने देश की क्रिकेट टीम की जर्सी और यहां के मशहूर खेल हर्लिंग की स्टिक और गेंद भेंट करके उनका सम्मान किया।

जर्सी तथा हर्लिंग की स्टिक एवं गेंद पर मोदी का नाम खास तौर से लिखवाया गया था। हरे और बैगनी रंग की जर्सी पर एक तरफ मोदी और दूसरी तरफ आयरलैंड लिखा हुआ था।

मोदी ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री केनी को तोहफे में 18वीं एवं 19वीं शताब्दी के दौरान भारत में कोयला क्षेत्र का पता लगाने के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण करने और बिहार की भाषाओं का अध्ययन करने वाले आयरलैंड के दो अधिकारियों के संबंधित दुर्लभ दस्तावेज भेंट किये।

मोदी ने उस दुर्लभ दस्तावेज के अलावा अपने आयरलैंड के समकक्ष को चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर की हाथ से तराशी गई कृति भेंट की जो आयरलैंड के प्रतीक तीन पत्ती वाली घास की आकृति को प्रतिबिंबित करती है। यह आरती के लैम्प के जैसी दिखती है और जिसके अगल बगल तीन पत्ती वाली घास के साथ मोर को भी दिखाया गया है। इस पर चांदी की चमकती ओस की बूंदे दर्शायी गई है जो शुद्धता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने इंडा केनी को जो दुर्लभ दस्तावेज दिये वे थामस ओल्डहम और सर जॉर्ज अब्राहम ग्रिसन से जुड़े हैं। डबलिन में जन्में ओल्डहम को 1850 में भारत में भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए नियुक्त किया गया था। उन्होंने भारत में कोयला क्षेत्र और बाद में अन्य खनिजों की भी निशानदेही की और उनका मानचित्र बनाया।

सर ग्रिसन ने 1898 में भारत का पहला भाषायी सर्वे का काम पूरा किया। वह संस्कृत और हिन्दी के ज्ञाता थे। उनकी प्रमुख कृतियों में बिहारी भाषा के व्याकरण तथा बोलियां एवं उप बोलियां के अलावा बिहार के किसान के जीवन पर उनका अध्ययन महत्वपूर्ण है।