अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते को खत्म करने के बाद ईरान की संसद में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। यहां सभी सांसदों ने ट्रंप के विरोध में अमेरिका का झंडा जलाया। इसके साथ ही सभी सासंदों ने अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी भी की। ईरानी सासंदों ने ‘अमेरिका का खात्मा हो जाए’ के नारे भी लगाए। सोशल मीडिया पर ईरानी सांसदों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सभी नेतागण पेपर से बने अमेरिका के झंडे को जलाते हुए दिख रहे हैं। सभी सांसदों के चेहरे पर अमेरिका को लेकर गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता है।
जहां एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया है तो वहीं दूसरी तरफ यूरोपीय शक्तियों द्वारा इसे लेकर वचनबद्धता दोहराई गई है। यूरोपीय शक्तियों ने ईरानी परमाणु समझौते पर अपनी ‘बचनबद्धता जारी’ रखने का संकल्प लिया है। अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते को ‘भयावह, एकतरफा’ बताया है।
बता दें कि मंगलवार की रात ट्रंप ने इस समझौते से पीछे हटने का फैसला लिया था। ट्रंप के फैसले के बाद ब्रिटेन, फ्रांस व जर्मनी ने अमेरिका से ईरान समझौते के क्रियान्वयन में बाधा नहीं डालने का आग्रह किया है। ईरान समझौते को संयुक्त समग्र कार्ययोजना (जेसीपीओए) नाम से भी जाना जाता है। वहीं ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि अमेरिका के बिना भी ईरान परमाणु सौदे में बना रहेगा। उन्होंने कहा, “इस वक्त परमाणु सौदा ईरान और पांच देशों के बीच है।” उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि घुसपैठिए (अमेरिका) ने परमाणु सौदे से किनारा कर लिया है। ईरान ने साबित किया है कि वह अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि हमारे अनुभव ने दर्शाया है कि पिछले 40 सालों में अमेरिका अपनी प्रतिबद्धताओं पर कभी खरा नहीं उतरा है।
ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि यह कदम एक भारी भूल है। 2015 ईरान समझौते से अलग होने के ट्रंप के फैसले पर ओबामा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस समझौते में ईरान के किसी भी उल्लंघन के बिना जेसीपीओए (कार्रवाई की संयुक्त व्यापक योजना)को जोखिम में डालने का फैसला एक गंभीर गलती है।’