Israel Vs Iran: इजरायल ने शनिवार की सुबह ईरान पर बड़ा हमला करते हुए उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। दशकों पुराने दुश्मन अब एक दूसरे के खिलाफ जंग के मुहाने पर खड़े हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने इजरायल पर निर्णायक और दर्दनाक हमले की प्लानिंग कर ली है। यह हमला अमेरिका में आगामी पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले किए जाने के आसार हैं।
अब इस मिशन की बात करें तो तेहरान ने इस मिशन को ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ नाम दिया है। यह ईरान के सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों का जवाब देगा। सीएनएन ने एक सूत्र के हवाले से जानकारी दी कि ईरान अपने क्षेत्र पर इजरायल के हालिया हमले का निर्णायक और दर्दनाक जवाब देने की तैयारी कर चुका है।
इजरायल ने भी कर रखी है ईरानी हमलों से बचने की तैयारी
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल को इस बात की जानकारी अच्छी तरह से है कि ईरान उस पर जवाबी हमला करेगा। इसलिए पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कैबिनेट ने सुरक्षा को लेकर कानून पास किए हैं। इसमें मीटिंग के लिए केवल मंत्री ही होंगे। इतना ही नहीं यह मीटिंग बंकरों में की जाएगी और यहां पर किसी को भी हथियार रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
वहीं इजरायल ने ईरान को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर, ईरान ने पिछले हफ्ते तेहरान पर किए गए हमलों के जवाब में इजरायल के खिलाफ कोई भी जवाबी कार्रवाई की तो वह उन जगहों पर घातक हमले करेगा, जिन्हें पिछली बार छोड़ दिया गया था। आईडीएफ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने हमले में हिस्सा लेने वाले सैन्यकर्मियों से कहा कि हमने ईरान में कुछ टारगेटों को अभी अलग कर रखा है। इसकी वजह यह है कि हम को उस पर फिर से अटैक करना पड़ सकता है। यह लड़ाई केवल यहीं पर खत्म नहीं हुई है और हम अभी अधर में है।
अमेरिका ने ईरान को चेताया
इजराइल और ईरान में तनाव चरम पर होते देख अमेरिका भी बीच में कूद पड़ा है। ईरान से संभावित हमले को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री ने बड़ा बयान दिया था। रॉयटर्स के हवाले से खबर है कि लॉयड ऑस्टिन ने ईरान को पलटवार की गलती ना दोहराने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि इजराइल-ईरान को बातचीत से विवाद सुलझाना चाहिए।