ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने बुधवार को कहा कि उन लोगों ने एक ‘आत्मघाती ड्रोन’ विकसित किया है, जो समुद्र और धरती पर लक्ष्यों को उड़ाने के लिए विस्फोटक ले जाने में सक्षम है । गार्ड्स के करीबी सूत्रों के मुताबिक ड्रोन का विकास मुख्य रूप से समुद्री निगरानी के लिए किया गया है और मिसाइलों से लैस करने के लिए इसका विकास नहीं किया गया है। इसके मुताबिक आत्मघाती हमला करने के लिए यह भारी मात्रा में विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। समाचार एजेंसी तसनीम के मुताबिक, ‘जल की सतह पर बहुत अधिक गति से उड़ने में सक्षम यह ड्रोन निशाने को टक्कर मारने और उसको खत्म करने में सक्षम है, चाहे वो पोत हो या तटवर्ती कमान केंद्र।’ एजेंसी की खबर के मुताबिक ड्रोन को जल की सतह से आधा मीटर की ऊंचाई पर 250 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम हो, इस उद्देश्य के साथ डिजाइन किया गया था। न्यूज एजेंसी ने भूमि पर खड़े ड्रोन की तस्वीर दी है लेकिन उड़ते हुए इसकी तस्वीर साझा नहीं की गई है। साथ ही बताया गया है कि ड्रोन में एडवांस मिलिट्री कैमरा भी लगा हुआ है। यह कैमरा रात में भी काम कर सकता है। इसके जरिए से समुद्र की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

वीडियो में देखें- दुनिया के सबसे पुराने युद्धपोत  INS Viraat के बारे में 5 बातें

बता दें, इस महीने की शुरुआत में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने दावा किया था दिसंबर 2011 में यूएस सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी आरक्यू-170 सेंटिनल ड्रोन को पकड़ा था। इससे तकनीक को सीखते हुए ईरान ने नया ड्रोन सायगेह बना डाला। ईरान ने दावा किया था कि उनकी सायबर वारफेर यूनिट ने यूएस ड्रोन को कंट्रोल करके सुरक्षित लैंड करवाया था। अमेरिका ने कहा था कुछ तकनीकी खामियों की वजह से यह ड्रोन क्रैश हुआ था। गार्ड्स ने इस ड्रोन की तस्वीर जारी की थी, लेकिन इसकी उड़ान की फुटेज जारी नहीं की थी।

Read Also: पाकिस्तान पर दोहरी मार: भारत के साथ-साथ ईरान ने भी किया हमला