ईरान और दक्षिण कोरिया के बीच इन दिन सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसी बीच ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के सैनिकों ने समुद्र में एक दक्षिण कोरियाई टैंकर पर जबरन चढ़ाई कर दी और जहाज का मार्ग बदलने के लिए मजबूर कर उसे ईरान ले गए। जहाज का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दक्षिण कोरिया की डीएम शिपिंग कंपनी लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि जहाज सऊदी अरब के जुबैल से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित फुजैरा जा रहा था, तभी ईरानी सैनिक जहाज पर चढ़ गए। बता दें कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी देशों के साथ तेहरान के बढ़ते तनाव के बीच यह घटना हुई है।
सोमवार को एमटी हानकुक चेमी पर की गई इस सैन्य कार्रवाई के लिए ईरान ने यह स्पष्टीकरण दिया है। तेहरान ने कहा कि उसने फारस की खाड़ी और होरमुज जलडमरूमध्य के जलक्षेत्र में प्रदूषण फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया। हालांकि इसके बजाय यह प्रतीत होता है कि ईरान ने अपने खिलाफ बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच दक्षिण कोरियाई बैंकों में जब्त की गई अरबों डॉलर की ईरानी संपत्ति को लेकर होने वाली बातचीत से पहले सोल पर दबाव बनाने के लिए ऐसा किया है।
कोरियाई अधिकारियों ने बताया कि शुरूआत में ईरानी सैनिकों ने कहा कि वे जहाज पर जांच करना चाहते हैं। जब जहाज के कप्तान ने दक्षिण कोरिया में मौजूद कंपनी के सुरक्षा अधिकारियों से बात की, तब सशस्त्र ईरानी सैनिकों ने टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया और टैंकर के ऊपर एक ईरानी हेलीकॉप्टर मंडराने लगा। एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों ने जहाज के कप्तान को जांच के लिए टैंकर को ईरानी जलक्षेत्र में ले जाने कहा। अधिकारी ने बताया कि कंपनी का तब से जहाज के कप्तान से संपर्क नहीं हो पाया है। जहाज पर लगे सिक्योरिटी कैमरे भी अब बंद हैं।
इधर दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने जहाज को मुक्त करने की मांग करते हुए एक बयान में कहा कि इसके चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं। साथ ही दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह होरमुज जलडमरूमध्य के पास समुद्री लूट रोधी एक इकाई भेज रहा है, जिसमें एक विध्वंसक पोत और करीब 300 सैनिक होंगे। बता दें कि पिछले साल भी ईरान ने इसी तरह से एक ब्रिटिश तेल टैंकर पर कब्जा कर लिया था और उसे महीनों तक अपने पास रोक कर रखा था।
