ईरान में सरकार के खिलाफ गुरुवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन कई बड़े शहरों तक फैल गया है। ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर के रश्त और पश्चिम के करमनशाह में बड़ी संख्या में विरोधियों का हुजूम देखा गया। वहीं, इस्फहान और हमादान में भी विरोध प्रदर्शन देखे गए। बढ़ती कीमतों के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन बढ़कर अब सरकारी नीतियों के खिलाफ और अधिक उग्र हो गया है। राजधानी तेहरान में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। तेहरान के सुरक्षा मामलों के डिप्टी गर्वनर जनरल ने ‘ईरानियन लेबर न्यूज एजेंसी’ को बताया कि 50 लोगों का समूह शहर के चौराहे पर एकत्र हुआ था।

क्यों हो रहा है प्रदर्शन: विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरुवार (28 दिसंबर) को देश के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले पूर्वोत्तर शहर मशाद से शुरू हुई थी। मशाद में लोग ऊंची कीमतों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रपति हसन रुहानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कटु शब्दों में नारेबाजी के लिए 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद भी शुक्रवार को देश के कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। भ्रष्टाचार और आर्थिक समस्याओं के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक रंग ले लिया है। केवल रूहानी के खिलाफ ही नहीं बल्कि सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खमनेई और धार्मिक शासन के खिलाफ भी नारेबाजी हुई।विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग नारे लगा रहे थे कि ‘लोग भीख मांग रहे हैं और मौलवी खुद को खुदा समझ रहे हैं।’ एक वीडियो में महिला प्रदर्शनकारी चिल्लाते हुए दिख रही हैं, ‘हमें इस्लामिक रिपब्लिक नहीं चाहिए, तानाशाही का नाश हो।’ धार्मिक नेताओं के पवित्र शहर कोम में भी विरोध प्रदर्शन देखे गए। ऑनलाइन जारी हुए एक वीडियो में कई लोग यह भी चिल्लाते नजर आ रहे हैं ‘सीरिया को छोड़ो, हमारी फिक्र करो।’ उल्लेखनीय है कि ईरान सीरिया की बशर अल-असद सरकार को सैन्य सहायता देने वाला एक प्रमुख देश है।

कई जगह फायरिंग : सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे अपुष्ट वीडियो से पता चलता है कि पश्चिमी ईरान के दोरुद शहर में सुरक्षाबलों की फायरिंग में 2 लोग घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर कल दिखाये असत्यापित वीडियो में हजारों लोगों को पश्चिमी शहरों खोर्रामाबाद, जनजान और अहवाल और कई छोटे शहरों से होकर गुजरते हुये दिखाया गया है। साथ ही बोरूद शहर में पुलिस द्वारा कई लोगों को गोली मार देने की खबर तेजी से फैल गई थी।जंगल की आग की तरह अफवाह फैली। सरकारी संस्थाओं के यात्रा प्रतिबंधों और करीब-करीब मीडिया पर रोक और प्रतिबंधों के कारण खबरों की पुष्टि करना मुश्किल रहा।  अधिकारियों ने मोबाइल फोनों पर इंटरनेट पहुंच अस्थायी रूप से रोकने का प्रयास किया लेकिन आखिरकार पूर्ण कवरेज बहाल कर दिया गया।

प्रदर्शन को अमेरिका का समर्थन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन पर चेतावनी देते हुए कहा है कि ईरान के लोग बदलाव चाहते हैं और ”दमनकारी” शासन को लोग हमेशा बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ट्रंप ने संयुक्तराष्ट्र महासभा में सितंबर में दिए गए अपने भाषण की दो क्लिप ट्वीटर पर साझा किये हैं । इसमें वह पश्चिमी एशिया के शीर्ष प्रतिद्वंद्वी ईरानी शासन पर हमले कर रहे हैं। ट्रंप ने अपने भाषण से उद्धृत करते हुए कहा, ” दमनकारी शासन को हमेशा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और एक दिन ऐसा आएगा जब ईरानी आवाम के पास विकल्प होगा।” ट्रंप ने कहा,” दुनिया देख रही है।”

ईरान का अमेरिका को जवाब: ईरान ने शनिवार (31 दिसंबर) को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का देश में प्रदर्शनों को समर्थन ‘‘छल और अवसरवाद’’ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम घासेमी ने मंत्रालय की वेबसाइट पर कहा, ‘‘ईरानी लोगों की नजर में अमेरिकी अधिकारियों और ट्रंप की अवसरवादी टिप्पणी का कोई महत्व नहीं है ।’’उन्होंने कहा कि ईरान के लोगों का अमेरिका में प्रवेश रोकने और आधारहीन तथ्यों के आधार पर उस देश में कई ईरानियों की गिरफ्तारी को लेकर ट्रंप की कार्रवाई याद है । उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि वे कुछ ईरानी शहरों में हालिया दिनों में रैलियों के लिए इन अधिकारियों के समर्थन को अवसरवाद के तौर पर देखते हैं ।’’