राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते का बचाव करते हुए कहा कि इससे तेहरान के परमाणु हथियार हासिल करने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे और यह अमेरिका और इजराइल दोनों के हित में है। अगले महीने होने जा रहे कांग्रेस के महत्त्वपूर्ण मतदान से पहले यहूदी समुदाय की चिंताओं को दूर करते हुए ओबामा ने कहा कि यह समझौता ईरान के किसी भी तरह के परमाणु हथियार हासिल करने के रास्तों को बंद करेगा। उन्होंने यह बात वाइट हाउस से एक वेबकास्ट के माध्यम से कही।

ओबामा ने स्पष्ट किया कि इस समझौते के सख्त प्रावधानों के चलते परमाणु प्रसार से जुड़े कई विशेषज्ञों ने इसका समर्थन किया है। इजराइल जैसे कुछ अपवादों को छोड़कर विश्व समुदाय का ज्यादातर हिस्सा इस समझौते के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि लोगों का कहना है कि ईरान धोखा करेगा। वह भरोसेमंद नहीं हैं। मैं जोर देता रहता हूं कि हम ईरान पर भरोसा नहीं रखते। ईरान अमेरिका का विरोधी है। यह यहूदी विरोधी है। इसने यहूदियों के सत्यानाश का खंडन किया है। उसने इजराइल को तबाह करने का आह्वान किया है। यह एक घृणित शासन व्यवस्था है।

ओबामा ने कहा कि लेकिन यह समझौता विश्वास पर निर्भर नहीं है। जब वह (ईरान) धोखा करे या अनपेक्षित रूप से प्रतिक्रिया करे तो यह हमारी उनको पकड़ने की क्षमता और सत्यापन पर निर्भर करता है। ओबामा ने यहूदियों से उनको मिले समर्थन को मान्यता देते हुए कहा कि वे यहां (राष्ट्रपति पद) पर नहीं बैठे होते यदि यहूदी समुदाय में उनके दोस्त या समर्थक नहीं होते।