Iran-Israel War: मिडिल ईस्ट में आज यानी शु्क्रवार का दिन काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज हिज्बुल्लाह के मारे गए चीफ नसरल्लाह का अंतिम संस्कार होना है। माना जा रहा है कि नसरल्लाह को आज ही सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जिसको लेकर दुनिया के कई देशों की नजर बनी हुई है, क्योंकि ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई तेहरान में बोलने वाले हैं। नसरल्लाह की मौत के बाद खामेनेई को गुप्त स्थान पर ले जाया गया था। उसके बाद खामेनेई पहली बार सामने आएंगे। आज का दिन इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि ईरान के हमले को 72 घंटे हो जाएंगे। वहीं इजरायल अभी तक ईरान को जवाब देने को लेकर चुप्पी साधे हुए है। इजरायल की इस चुप्पी पर भी दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं कि आखिर अब इजरायल का अगला कदम क्या होगा? इजरायल का अगला कदम खामनेई बयान पर भी निर्भर करेगा कि वो किस तरह का बयान देते हैं।
बता दें, 7 अक्टूबर 2023 जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था। उस वक्त 24 घंटे में बदला लेने के लिए इजरायल ने हमले शुरू कर दिए थे, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि इस बार ऐसा क्या है कि ईरान की 180 मिसाइलों के जवाब में इजरायल अब तक सीधे ईरान से बदला नहीं ले रहा? क्या इजरायल वक्त और मौके का इंतजार ईरान पर हमले के लिए कर रहा है? क्या अमेरिका ने अभी इजरायल को ईरान पर हमले से रोक रखा है? या फिर शुक्रवार तक का इंतजार है और फिर हमले के लिए इजरायल तैयार है?
उधर, लेबनान की राजधानी बेरूत में हिज्बुल्लाह के जिस मुख्यालय को इजरायल ने एयरस्ट्राइक से जमींदोज कर दिया, उसमें ही शनिवार को नसरल्लाह मारा गया था, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि जिस जगह नसरल्लाह इजरायली एयरस्ट्राइक में मारा गया, वो हेडक्वार्टर मलबे में तब्दील हो चुका है, लेकिन अब तक नसरल्ला का शव सार्वजनिक रूप से सामने क्यों नहीं आया? क्या नसरल्लाह के शव को लेकर कोई सस्पेंस है? नसरल्लाह का शव सामने नहीं आया तो शुक्रवार को दफनाया किसे जाएगा? क्या सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से नसरल्लाह के शव का अंतिम संस्कार होगा? ये सभी ऐसे सवाल हैं, जो हर कोई जानना चाहता है।
वहीं ईरान के सूत्रों ने अल जजीरा के हवाले से बड़ी जानकारी दी है। कहा जा रहा है कि ईरान ने कतर के माध्यम से अमेरिका को संदेश भेजा है। दावा है कि अमेरिका को भेजे गए संदेश में ईरान ने कहा है कि अगर इजरायल ने कोई हमला किया तो अबकी बार उसका जवाब ऐसा होगा जैसा सोचा नहीं गया होगा। जिसमें इजरायल के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना शामिल हो सकता है। ईरान कह रहा है कि अब कोई एकतरफा आत्म-संयम नहीं रहेगा। ये बयान उकसाने वाला है या फिर ये बयान इजरायल के हमले से पहले डर का है, इस पर पूरे विश्व की निगाहें टिकी हैं।
इजराइल की सेना ने गुरुवार को दक्षिणी लेबनान के 20 से अधिक कस्बों के निवासियों को तुरंत अपने घर खाली करने को कहा, क्योंकि सेना सीमा पार से घुसपैठ जारी रखे हुए है और उसने बेरूत के एक उपनगर में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए। वहीं हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजरायल के भूमध्यसागरीय तट पर हाइफा खाड़ी में सैन्य उद्योगों के लिए इजरायल के “सखनिन बेस” को निशाना बनाकर नए हमले किए।
इजराइल ने यह भी कहा कि उसने दक्षिणी लेबनान के शहर बिंट जेबिल में एक नगरपालिका भवन पर हमला किया, जिसमें 15 हिजबुल्लाह सदस्य मारे गए और कई हथियार नष्ट हो गए। लेबनानी सेना को भी नुकसान उठाना पड़ा है, उसने बताया कि दक्षिणी लेबनान में अलग-अलग घटनाओं में इजरायली हमलों में दो सैनिक मारे गए। सेना ने कहा कि उसने जवाबी गोलीबारी की। यह उस सेना के लिए एक दुर्लभ घटना है जो ऐतिहासिक रूप से इजरायल के साथ प्रमुख संघर्षों में किनारे पर रही है।
इजरायली हमले में मारा गया हमास सरकार का चीफ रावी मुश्ताहा, कई अन्य सहयोगी भी ढेर
इसराइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ़) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उसने तीन महीने पहले गाजा में हमास के तीन बड़े नेताओं को मारा था। आईडीएफ़ ने एक्स पर इन नेताओं की तस्वीर समेत पूरी जानकारी भी शेयर की है।
मारे गए तीन बडे़ नेताओं में रावही मुश्ताहा शामिल हैं, जिनकी पहचान आईडीएफ़ ने हमास सरकार के प्रमुख के तौर पर की है। इसके साथ ही मारे गए दो अन्य हमास नेताओं के नाम समेह अल-सिराज और सामी औदेह बताए गए हैं, जो हमास में सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार थे। आईडीएफ़ ने बताया कि हमास के ये नेता उत्तरी ग़ज़ा में अंडरग्राउंड कंपाउंड में छिपे थे और इन्हें हवाई हमले में मारा गया है। इजरायल ने बताया कि हमास ने इन नेताओं की मौत की घोषणा इसलिए नहीं की थी, ताकि “उसके आतंकियों का मनोबल कम न हो और कामकाज चलता रहे।