अमेरिका ने ग्रीन कार्ड की आस लगाए भारतीयों को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका के विदेश विभाग ने अगले महीने यानी मई 2025 का वीजा बुलेटिन जारी कर दिया है। इस वीजा बुलेटिन से H-1B और ग्रीन कार्ड की आस लगाए भारतीयों को तगड़ा झटका लगा है। बुलेटिन में बताया गया है कि भारतीयों के लिए एम्प्लॉयमेंट बेस्ड फिफ्थ प्रेफरेंस कैटेगरी (EB- 5) में भारी गिरावट आई है। भारत अब इस अनरिजर्व्ड कैटिगरी में 6 महीने से अधिक पीछे चला गया है। इसका मतलब है कि अब ग्रीन कार्ड मिलने में देरी होगी।

किस काम के लिए है EB 5 वीजा?

EB 5 वीजा अप्रवासी वीजा है जो विदेशी निवेशकों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड प्राप्त करने में मदद करता है। इस वीजा का आवेदन करने के लिए निवेशकों को अमेरिकी व्यापार में एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है। इससे अमेरिका में रोजगार के अवसर भी पैदा होना चाहिए। रिपोर्ट्स के अनुसार इस निवेश से कम से कम 10 रेगुलर नौकरियां पैदा हो और जब यह वीजा अप्रूव हो जाता है तो 2 साल के लिए ग्रीन कार्ड मिलता है।

EB 1 की कटऑफ जानें

अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार भारत के लिए EB 1 की कटऑफ डेट फरवरी 2022 है जबकि चीन के लिए यह 8 नवंबर 2022 है। वहीं बाकी देशों के लिए यह कैटेगरी अभी चालू है। वहीं सेकंड प्रेफरेंस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें भारत की कटऑफ डेट 1 जनवरी 2023 पर बनी हुई है जबकि चीन की कटऑफ डेट 1 अक्टूबर 2020 है।

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EB 3 कैटेगरी की क्या है कटऑफ डेट?

वहीं अगर हम EB 3 कैटेगरी की बात करें तो इसके लिए अलग-अलग तारीख है। EB 3 कैटेगरी में भारत की कटऑफ डेट थोड़ी आगे बढ़ा दी गई है और यह 15 अप्रैल 2013 हो गई है। जबकि चीन के लिए यह नवंबर 2020 पर स्थिर है। वहीं बाकी देशों के लिए इसकी कटऑफ डेट 1 जनवरी 2023 है।

EB 4 कैटेगरी का वीजा अनुपलब्ध

इस बीच EB 4 का वीजा सभी देशों के लिए अनुपलब्ध है। बता दें कि इस वर्ष इस कैटेगरी के सभी वीजा का इस्तेमाल हो चुका है। ऐसे में 1 अक्टूबर 2025 तक यह अनुपलब्ध रह सकता है। इसके बाद क्या होगा इसको लेकर अमेरिका का विदेश विभाग बुलेटिन जारी करेगा।