Indian workers in Israel: भारत से कई लोग बहुत सारे सपने लेकर इजरायल गए थे। सबसे बड़ा सपना यह था कि वहां पैसे कमाएंगे और घर भेजेंगे जिससे घर की माली हालत बेहतर होगी। इजरायल में भारतीय मजदूरों को पैसे तो अच्छे मिल रहे हैं लेकिन उन्हें मुश्किल हालात से भी गुजरना पड़ रहा है।
7 अक्टूबर, 2023 को जब फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला किया तो उसके बाद इजरायल में मजदूरों की जरूरत पड़ी थी। तब भारत से कई लोग रोजी-रोटी कमाने वहां गए। 2023 में भारत-इजरायल के बीच समझौते के तहत करीब 15 हजार कर्मचारी प्राइवेट और गवर्नमेंट तरीकों से मिडिल-ईस्ट के इस मुल्क में गए थे।
हमास के साथ चल रहे संघर्ष के बीच ही बीते दिनों जब ईरान-इजरायल की जंग हुई तो वहां रह रहे भारतीयों की मुश्किलें दिन दोगुनी और रात चौगुनी बढ़ गई।
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भारत से गए लोग इजरायल में राजमिस्त्री, लोहे का काम, बढ़ईगिरी, टाइलिंग और बेकरी के कामों में लगे हुए हैं। उनके दिन मिसाइल का अलर्ट होते ही बम शेल्टर की ओर भागने के साथ कट रहे हैं हालांकि वे लोग बहुत ज्यादा डरे हुए नहीं हैं। इजरायल में इन सेफ जगह या शेल्टर को ‘मिकलात’ कहा जाता है।
ऐसे ही एक शख्स हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के मोहनलाल हैं। मोहनलाल तेल अवीव से 28 किमी दूर पामाखीम में एक वर्कशॉप के फोरमैन हैं। 33 साल के मोहन लाल कहते हैं, ‘करीब 350 मजदूर जा चुके हैं और शायद 600 ने भारत लौटने के लिए नाम लिखाया है लेकिन हजारों मजदूर इजरायल के अलर्ट सिस्टम और सायरन की वजह से खुद को सेफ महसूस कर रहे हैं।’
मोहन लाल बताते हैं कि 13 जून को ईरान के द्वारा किए गए हमलों के बाद दिन और रात में कई बार शेल्टर में भागना पड़ता था लेकिन अब ऐसा दिन में सिर्फ़ एक-दो बार होता है।
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1.5 से 2.5 लाख कमा रहे हर महीने
अधिकतर भारतीय मजदूर इजरायल में हर महीने 1.5 से 2.5 लाख कमा रहे हैं। राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले सुरेंद्र सिंह सैनी कहते हैं, ‘भारत में कलेक्टर भी इतना नहीं कमाता।’ सैनी ड्रिलिंग का काम करते हैं। हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले 43 साल के धर्मवीर सिंह बताते हैं कि वह जिस शेल्टर में थे, वहां एसी, लाउंज चेयर और टॉयलेट की सुविधा थी। वह सिरेमिक टाइलर हैं और इजरायल की राजधानी तेल अवीव में काम कर रहे हैं।
…भारत में रोजगार नहीं है
जींद के ही रहने वाले गुरदीप चौहान बताते हैं कि हम लोग छोटी जगहों में हैं और यहां खतरा कम है। वह यहां की मशहूर बेकरी Angel’s में कई और भारतीयों के साथ काम करते हैं। पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले 33 साल के बढ़ई सुभाष चंद का कहना है कि पंजाब में उनका परिवार तेल अवीव के पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर देखकर घबरा गया था। वह कहते हैं, “मैं एक साल से इजरायल में हूं…भारत में रोजगार नहीं है…अगर हम लौट जाएं तो हमें पछताना पड़ेगा।”