यूनाइटेड किंगडम में रहने के लिए बेताब एक भारतीय युवती के सोशल मीडिया पोस्ट पर हंगामा मच गया है। एक भारतीय युवती ने ब्रिटेन में रहने की लालसा में बिना वेतन के काम करने की पेशकश की है। LinkedIn पर स्वेता कोथंडन नाम की लड़की ने लीसेस्टर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमएससी की डिग्री हासिल करने और यूके जाने के बाद अपनी यात्रा के बारे में बताया।

स्वेता ने बताया कि 2022 में ग्रेजुएट होने के बाद वह ब्रिटेन में वीजा-स्पॉन्सर जॉब की अथक तलाश कर रही थी लेकिन उसे अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली है। अब, डिपोर्टेशन से बचने के लिए महिला ने एक महीने के लिए मुफ्त में काम करने की पेशकश की। इतना ही नहीं, उसने यह भी कहा कि अगर नियोक्ता उसके काम से नाखुश होता है तो वह उसे बिना किसी नोटिस या मुआवजे के नौकरी से निकाल सकता है। भारतीय युवती ने ओवरटाइम और बिना वीकेंड की छुट्टी के काम करने का भी वादा किया ताकि वह यूके में रह सके।

‘एक महीने के लिए बिना सैलरी के नौकरी पर रख लें’

लिंक्डइन पर युवती ने निवेदन किया, “मुझे एक महीने के लिए बिना सैलरी के नौकरी पर रख लें। अगर मैं काम नहीं करूंगी तो मुझे तुरंत नौकरी से निकाल दें, कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा। मेरा ग्रेजुएट वीजा 3 महीने में समाप्त हो रहा है, मुझे ब्रिटेन में रहने में मदद करने के लिए इसे दोबारा पोस्ट करें।”

भारतीय युवती ने लिखा, “नौकरी बाजार में ऐसा लगता है कि मेरा, मेरी डिग्री का या मेरी क्षमताओं का कोई मूल्य नहीं है। मैंने 300 से ज्यादा नौकरियों के लिए आवेदन किया है और मुझे कुछ उपयोगी फीडबैक मिले हैं। लिंक्डइन पर यह पोस्ट यूके में दीर्घकालिक भविष्य सुरक्षित करने का मेरा अंतिम मौका है।”

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प्रतिदिन 12 घंटे काम करने की पेशकश

भारतीय छात्रा ने लिखा कि वह “वीज़ा प्रायोजित डिज़ाइनर इंजीनियर के रोल की तलाश में है। उसने अपनी योग्यता साबित करने के लिए हफ्ते में सातों दिन, प्रतिदिन 12 घंटे काम करने की पेशकश की। इसके अलावा, उसने यह भी कहा कि अगर उसके नियोक्ता उसके काम से नाखुश हैं तो वे उसे बिना किसी नोटिस या मुआवज़े के नौकरी से निकाल सकते हैं।

महिला की पोस्ट, जिसे एक महीने पहले शेयर किया गया था, लिंक्डइन और रेडिट पर वायरल हो गई है । इसे सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं। जहां कुछ लोगों ने अपने देश वापस लौटने से बचने के लिए हास्यास्पद हद तक जाने के लिए महिला की आलोचना की, वहीं अन्य ने नियोक्ताओं के लिए अवास्तविक उम्मीदें पैदा करने के लिए उसकी आलोचना की।