भारत ने पाकिस्तान में अपने राजनयिकों के साथ हुई बदसलूकी पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पाकिस्तान से शिकायत में भारत ने इस घटना की निंदा की और आपत्ति जाहिर की। दिल्ली स्थित सूत्रों ने मीडिया को बताया कि अप्रैल में पाकिस्तान द्वारा भारत के दो राजनयिकों की बंद कमरे में तलाशी ली गई थी और उनसे पूछताछ की गई। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान खुफिया विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें एक कमरे में 20 मिनट तक बंद रखा। भारत ने इस्लामाबाद में रह रहे भारतीय दूतावास के कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति चिंता जाहिर की है। सूत्रों का कहना है कि इस संदर्भ में भारत ने कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान की सरकार से शिकायत की है।
दोनों भारतीय राजनयिक पाकिस्तान के लौहार स्थित गुरद्वारा सच्चा सौदा में भारत से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहूलियत के लिए तैनात किए गए थे। लेकिन, उन्हें वहां पर धमकाया गया और इलाके में नहीं दिखाई देने के लिए कहा गया। 17 अप्रैल को पाकिस्तान खुफिया विभाग के 15 अधिकारियों ने इन राजनयिकों को एक कमरे में बंद रखा और उनके सामान की तलाशी ली और पूछताछ की। भारत सरकार ने मौखिक तौर पर 25 अप्रैल को इस मामले में पाकिस्तान से शिकायत की थी।
गौरतलब है कि जब पाकिस्तान खुफिया विभाग के अधिकारियों ने दोनों राजनयिकों से पूछताछ खत्म की, तब उन्हें इलाके में नहीं दिखाई देने की धमकी भी दी। भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान इस मामले में जांच करे और भरोसा दे कि कि आगे से ऐसी ग़लती न हो। दरअसल, भारत के राजनयिकों को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अक्सर सिख धार्मिक स्थलों पर धमकियां दी जाती रही हैं। गौरतलब है कि इन इलाकों में अक्सर ‘खालिस्तान समर्थित’ समुदाय तीर्थयात्रियों को बरगलाने की कोशिश करते हैं।