भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार (3 अगस्त) को पाकिस्तान गए थे। इस्लामाबाद में हुई SAARC सम्मेलन की इस मीटिंग में राजनाथ सिंह के साथ भारतीय लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल भी गया था। राजनाथ सिंह ने तो अपने भाषण से पाकिस्तान की बोलती बंद की ही थी लेकिन प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने भी पाकिस्तान के लोगों को कम परेशान नहीं किया। दरअसल, लंच के लिए पाकिस्तान की तरफ से जो खाना दिया जा रहा था उसमें प्याज और लहसुन था। ऐसे में अपनी मान्यताओं के हिसाब से प्रतिनिधि मंडल के लोगों ने उसे खाने से मना कर दिया। इसपर पाकिस्तान परेशान हो गया। अंत में पाकिस्तान ने अच्छी मेहमान नवाजी का उदाहरण देते हुए पालक-पनीर बनवाया। इसमें लहुसन और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया गया था। इस कार्यक्रम में राजनाथ सिंह नहीं गए थे। दरअसल यह लंच पाकिस्‍तानी गृहमंत्री चौधरी निसार की मेजबानी में रखा गया था लेकिन वह खुद कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। इसपर, राजनाथ सिंह ने भी इस कार्यक्रम का बहिष्‍कार किया।

इससे पहले, बैठक में राजनाथ सिंह ने पाकिस्‍तान पर जमकर निशाना साधा। राजनाथ ने कहा कि किसी आतंकी को शहीद का दर्जा देकर महिमामंडित नहीं किया जाए। राजनाथ ने इस बात पर भी जोर दिया कि न केवल आतंकवादियों बल्‍क‍ि उनका समर्थन करने वाले संगठनों और देशों पर भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दरअसल, राजनाथ का इशारा सीधे तौर पर पाकिस्‍तान की ओर ही था। पाकिस्‍तान ने हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को शहीद बताकर काला दिवस मनाने का फैसला किया था। राजनाथ के इस बयान को किसी भी पाकिस्‍तान मीडिया में नहीं दिखाया गया। यहां तक कि हिंदुस्‍तानी चैनलों को भी कार्यक्रम का टेलिकास्‍ट करने की इजाजत नहीं दी गई। राजनाथ जब इस कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे तो भी दोनों देशों के गृहमंत्रियों के बीच गर्मजोशी नहीं दिखी। औपचारिक हैंडशेक की जगह राजनाथ और निसार ने बस एक दूसरे का हाथ भर छुआ। इसके बाद, राजनाथ आगे बढ़ गए।

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