Russia Opposes of Ukraine President Address in UNSC: यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुधवार को हुए “प्रक्रियात्मक मतदान” के दौरान भारत ने पहली बार रूस के खिलाफ मतदान किया। संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यीय शक्तिशाली निकाय ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है, जिसका रूस ने विरोध किया था। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने यूक्रेन की आजादी की 31वीं वर्षगांठ पर छह महीने पुराने संघर्ष का जायजा लेने के लिए एक बैठक की थी।
जैसे ही बैठक शुरू हुई, संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वसीली ए नेबेंजिया ने वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस द्वारा बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति की भागीदारी के संबंध में एक प्रक्रियात्मक वोट का अनुरोध किया। उनके और अल्बानिया के फेरिट होक्सा के बयानों के बाद, परिषद ने ज़ेलेंस्की को वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लेने के लिए एक की तुलना में 13 के वोट से आमंत्रित किया।
रूस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को बोलने देने का विरोध किया
रूस ने इस तरह बुलाए जाने के खिलाफ मतदान किया, जबकि चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया। नेबेंजिया ने जोर देकर कहा कि रूस ज़ेलेंस्की की भागीदारी का विरोध नहीं करता है, लेकिन इस तरह की भागीदारी व्यक्तिगत रूप से होनी चाहिए।
फरवरी में रूसी सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद यह पहली बार है जब भारत ने यूक्रेन के मुद्दे पर रूस के खिलाफ मतदान किया है। नई दिल्ली ने यूक्रेन के मुद्दे पर अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भाग नहीं लिया है। इसको लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाली पश्चिमी शक्तियां भारत से नाराजगी भी जता चुकी हैं। भारत वर्तमान में दो साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है, जो दिसंबर में समाप्त हो रहा है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर बड़े आर्थिक और अन्य प्रतिबंध भी लगाए हैं। भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता के लिए कभी आलोचना नहीं की। इसके बजाए नई दिल्ली बार-बार रूसी और यूक्रेनी पक्षों से कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आह्वान करता रहा है। साथ ही दोनों देशों के बीच संघर्ष को खत्म करने के लिए हर तरह के राजनयिक प्रयासों का समर्थन भी व्यक्त किया।