दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के भारत दौरे के दौरान भारत और दक्षिण कोरिया ने व्यापार, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक व तकनीकी सहयोग क्षेत्र समेत 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दोनों पक्षों ने उन्नत व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) के अर्ली हार्वेस्ट पैकेज के संयुक्त ब्यौरे पर हस्ताक्षर किए हैं।
अर्ली हार्वेस्ट भारत-दक्षिण कोरिया सीईपीए में सुधार पर जारी बातचीत को सुगम बनाएगा। सीईपीए को व्यापार उदारीकरण के लिए मुख्य क्षेत्रों की पहचान कर 2010 में शुरू किया गया था। दोनों पक्षों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य सरकार के अधिकारियों और विशेषज्ञों सहित सहयोग समिति की स्थापना के माध्यम से परामर्श व सूचना के आदान-प्रदान से संरक्षण उपायों, सब्सिडी, प्रतिकारी और प्रतिपाटन की रक्षा करना है।
Pictures from the ceremonial welcome for Mr. Moon Jae-in, the President of the Republic of Korea. @moonriver365 @TheBlueHouseENG pic.twitter.com/EBjS8C5P7g
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2018
चौथी औद्योगिक क्रांति के फायदों का लाभ उठाने के लिए व्यावसायीकरण की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास में सहयोग के लिए एक भविष्य रणनीति समूह के गठन वाले एक अन्य समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।
बुजुर्गों और विकलांगों के लिए इंटरनेट की चीजें (आईओटी), कृत्रिम बुद्धिमता (एआई), बिग डेटा, स्मार्ट फैक्ट्री, 3 डी प्रिंटिंग, इलेक्ट्रिक वाहन, एडवांस सामग्री और किफायती हेल्थकेयर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
2018-2022 की अवधि के लिए एक सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम पर भी दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिसके जरिए संगीत व नृत्य, थिऐटर, कला प्रदर्शनी, अभिलेखागार, मानव विज्ञान, मास मीडिया कार्यक्रम और संग्रहालय प्रदर्शनी के क्षेत्र में संस्थागत सहयोग प्रदान कर सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के संबंधों को गहरा बनाने की कोशिश की जाएगी।
वैज्ञानिक व तकनीकी अनुसंधान, रेलवे अनुसंधान, जैव प्रौद्योगिकी व जैव-अर्थशास्त्र, आईसीटी व दूरसंचार और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों के क्षेत्रों में सहयोग के लिए भी एक अन्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

