बांग्लादेश में इस्लामवादियों की ओर से किए हमलों के बाद भारत ने शुक्रवार (8 जुलाई) को कहा कि वह ‘घृणा, हिंसा और आतंक की विचारधाराओं’ के खतरे से समाज को बचाने के लिए ढाका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगा। अपने बांग्लादेशी समकक्ष ए एच महमूद अली को भेजे पत्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए बांग्लादेश को भारत के सहयोग की पेशकश की। उन्होंने इस समस्या से लड़ने के लिए ‘समग्र रुख’ की पेशकश की।
‘बीडी न्यूज’ के अनुसार सुषमा ने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में भारत बांग्लादेश के साथ मजबूती के साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ तथा घृणा, हिंसा और आतंक की विचारधाराओं के खतरे से हमारे समाज की रक्षा करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें आतंकवाद के खिलाफ सभी स्तरों पर बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति और समग्र रुख अपनाने की जरूरत है।’
विदेश मंत्री ने कहा कि ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की निर्मम हिंसा पवित्र रमजान महीने में अंजाम दी गई जब सच्चे अनुयायिओं का दिमाग आध्यात्मिक रुझानों की ओर तब्दील हो जाता है। इसने हमें दिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म और आस्था नहीं है।’ बीते एक जुलाई को ढाका के एक कैफे में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए सुषमा ने कहा कि उनको विश्वास है कि बांग्लादेश की सरकार इस कायराना हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के जद में लाने के लिए पूरी मेहनत करेगी ताकि भविष्य में ऐसे हमले दोबारा नहीं हों।