दुनिया भर में भारतवंशियों की आबादी सबसे ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी चलन पर संयुक्त राष्ट्र के लेटेस्ट सर्वे के अनुसार, दुनिया में सर्वाधिक संख्या भारतवंशियों की है, जिसके बाद मैक्सिको और रूस के प्रवासी आते हैं। 2015 में भारत की 1.6 करोड़ आबादी देश के बाहर रह रही थी। जबकि 1990 के दशक में यह संख्या 67 लाख थी। वहीं, मैक्सिको मूल के लोगों की संख्या 1.2 करोड़ है। इसके अलावा रूस, चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान और यूक्रेन के नागरिक भी बड़ी संख्या में अपने मूल देशों से बाहर रह रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग डीईएसए द्वारा किए गए इस सर्वे में कहा गया है कि जिस देश में जन्म हुआ है, उस देश से अलग देश में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या 2015 में दुनिया भर में 24.4 करोड़ पहुंच चुकी है। ‘ट्रेन्ड्स इन इंटरनेशनल माइग्रेन्ट स्टॉक’’ के अनुसार, करीब दो तिहाई अंतरराष्ट्रीय प्रवासी यूरोप में (7.6 करोड़) या एशिया (7.5 करोड़) में रह रहे हैं। आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र अंडर सेक्रेटरी वू होंगबो ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि अंतरराष्ट्रीय प्रवास के बढ़ते महत्व को दर्शाती है। यह हमारी अर्थव्यवस्थाओं और समाजों का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है।’’ होंगबो ने कहा ‘‘समुचित तरीके से किया गया प्रवास न केवल मूल देश और गंतव्य के लिए, बल्कि प्रवासियों और उनके परिवारों के लिए भी लाभकारी होता है।’’

