China-Taiwan Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा है कि अगर चीन, ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिकी सेना ताइवान की रक्षा करेगी। जो बाइडेन ने यह बात अपने एक इंटरव्यू में कही है, जिसके बाद से अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है।
गौरतलब है कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा के बाद से अमेरिका और ताइवान के बीच तनाव जारी है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि वह हर स्थिति में ताइवान के साथ खड़े हैं और अगर युद्ध की नौबत आती है, तो अमेरिका ताइवान को सैन्य रक्षा भी मुहैया कराएगा।
अमेरिकी फोर्स करेगी मदद: सीबीएस न्यूज पर प्रसारित एक इंटरव्यू में बाइडेन से पूछा गया कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो क्या अमेरिकी फोर्स और अमेरिकी नागरिक ताइवान की रक्षा करेंगे? जिसका जवाब बाइडेन ने हां में दिया। इंटरव्यू के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
चीन ने समुद्र में दागी थी मिसाइलें: इस नीति के तहत अमेरिका का मानना है कि ताइवान का मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन नीति यह नहीं बताती कि अगर चीन हमला करता है तो अमेरिकी फोर्स को भेजा जा सकता है या नहीं। बाइडेन का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने समुद्र में मिसाइल दागकर और आसपास के इलाकों में लड़ाकू विमान उड़ाकर ताइवान को धमकाने की कोशिश की है।
जो बाइडेन के साथ सीबीएस का इंटरव्यू पिछले हफ्ते आयोजित किया गया था। इससे पहले मई में अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया था कि क्या वह ताइवान की रक्षा के लिए सैन्य सहायता देंगे। इस सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा था कि हां, यही प्रतिबद्धता है।
वहीं, दूसरी ओर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को बीजिंग के नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है। जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक फोन कॉल में शी ने ताइवान की मदद करने पर चेतावनी देते हुए कहा था कि जो लोग आग से खेलेंगे वो जल जाएंगे।