आईटी क्षेत्र की मल्टीनेशनल फर्म आईबीएम पर उसके एक पूर्व कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारी ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया है कि कंपनी ने उम्र संबंधी भेदभाव के चलते पिछले कुछ सालों में एक लाख कर्मचारियों को बाहर का रास्ता का दिखा दिया है।

आईबीएम के सेल्समैन रहे जोनाथन लैंगले की तरफ से उनके वकील ने यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को अमेजन, गूगल जैसी अन्य ग्लोबल कंपनियों के कर्मचारियों के समान ‘कूल’ और ‘ट्रेंडी’ रखने के लिए यह कदम उठा रही हैं।

याचिककर्ता ने अपनी बात के समर्थन में एचआर के वाइस प्रेसिडेंट रहे एलन वाइल्ड का हवाला देते हुए कहा है कि उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि पिछले 5 साल के दौरान कंपनी से 50 हजार से एक लाख कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। इन कर्मचारियों की जगह यंग लोगों को रखा जा रहा है।

कंपनी चाहती है कि उसके कर्मचारी भी अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और फेसबुक की तरह ही दिखें। 61 वर्षीय लैंगले को कंपनी ने 59 साल की उम्र में बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं, आईबीएम ने इन आरोपों से इनकार किया है। कंपनी का कहना है कि वह उम्र के आधार पर अपने कर्मचारियों के साथ भेदभाव नहीं करती है।

एक बयान में आईबीएम ने कहा, ‘कंपनी हर साल 50,000 लोगों की भर्ती करती है। इसके अलावा अपनी टीम की ट्रेनिंग पर अरबों डॉलर की रकम खर्च करती है। हमारे पास रोजाना 8000 से अधिक जॉब एप्लिकेशन आती हैं। इससे आईबीएम की रणनीति औक भविष्य के रास्ते को लेकर उत्साह स्पष्ट है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी से छुट्टी होने से पहले तक लैंगले आईबीएम के हाइब्रिड क्लाड के लंबे समय से सेल्सपर्सन थे। उनका प्रदर्शन भी काफी अच्छा था। पिछले साल मार्च में प्रोपब्लिका की एक खोजी रिपोर्ट में यह सामने आया था कि आईबीएम ने पिछले 5 साल में 40 या इससे अधिक उम्र वाले लगभग 20 हजार से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया।