इस्लामिक स्टेट (आईएस) की दरिंदगी से सारी दुनिया वाकिफ है। इस आतंकी संगठन की दहशत का सामना कई लोग कर चुके हैं। कई लोगों को यह आतंकी संगठन बर्बर तरीकों से मौत के घाट उतार चुका है, वहीं कई लोग इसकी कैद में रहे। ऐसे ही आईएस की बर्बरता झेल चुकी एक यजीदी लड़की ने अपनी कहानी बयां की है। शबाना(बदला हुआ नाम) ने बीबीसी से बातचीत में आईएस की कैद में गुजारे अपनी जिंदगी के सबसे भयानक पलों की कहानी बताई है। बीबीसी के विक्टोरिया डर्बीशायर शो में शबाना ने बताया कि कैसे उसे आईएस आतंकियों ने जानवरों की तरह कैद में रखा। शबाना 14 साल की थी जब अगस्त 2014 में आईएस आतंकियों ने उत्तरी इराक पर हमला किया था। माउंट सिन्जर इलाके में यजीदी समेत कई समुदाय या धर्म से जुड़े लगभग 50 हजार लोग आईएस द्वारा घेर लिए गए थे।
उसी समय शबाना को भी हजारों यजीदी लड़कियों की तरह अगवा कर लिया गया। शबाना 6 महीने तक आईएस की कैद में फंसी रही। 6 महीने तक रोज उसके साथ रेप किया जाता। वह बताती है, “6 महीने तक हर दिन मेरा रेप किया जाता, मैंने खुद को मारने की भी कोशिश की।” शबाना ने आगे बताती हैं, “उसने(आतंकी) मुझे 150 लड़कियों के बीच में से किसी लॉटरी के इनाम की तरह निकाला। वह एक दरिंदा था। किसी जानवर की तरह दिखता था।” शबाना बताती है जब एक दिन वह लड़ने के लिए गया तब वह मौका पाकर उसकी कैद से भाग निकली और एक शरणार्थी कैंप में पनाह ली।
शबाना अब जर्मनी में रह रही है। वहां वह शिक्षा हासिल करने के साथ-साथ एक साइकाइट्री अस्पताल में थेरिपी भी ले रही हैं ताकी उन बर्बर पलों की याद से उभर सकें। शबाना वकील बनना चाहती हैं। आईएस की दशहत ने बेगुनाह लोगों पर जो कहर ढाया है उसे दोहराने की जरूरत नहीं। खबर के मुताबिक, अनुमान है कि लगभग 9 हजार से ज्यादा यजीदी 2014 में आईएस द्वारा या तो मार दिए गए थे या फिर बंदी बना लिए गए थे।