पाकिस्तान में पुलिस मनमानी गिरफ्तारी, यातना, न्यायेतर हत्याओं समेत व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन में शामिल है। यह आरोप एक प्रमुख अधिकार समूह ने लगाया है। ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) की ‘दिस क्रूकेड सिस्टम’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में पाकिस्तान में पुलिस व्यवस्था को दोषी ठहराया है और कहा कि सरकार की ओर से इसमें सुधार की कोई योजना नहीं है। विस्तृत दस्तावेज के साथ अमेरिका स्थित एचआरडब्ल्यू द्वारा जारी सारांश के अनुसार, ‘यह रिपोर्ट हिरासत में यातना, न्यायेतर फांसी और पाकिस्तान में पुलिस द्वारा मानवाधिकारों के अन्य गंभीर उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण करती है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में पुलिस नियमित रूप से और गैर कानूनी तरीके से आपराधिक संदिग्धों की फर्जी मुठभेड़ के माध्यम से हत्या करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यातना के तरीकों में डंडा और चमड़े के पट्टे से पीटने, धातु के रॉड से पांवों को फैलाना और कुचलना, यौन हिंसा, लंबे समय तक नींद से वंचित करना और मानसिक यातना शामिल है। इसमें अन्य यातना दिया जाना देखना भी शामिल है।’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘गैर सरकारी पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने बताया कि 2015 में पुलिस के साथ सशस्त्र मुठभेड़ों में 2000 से अधिक लोग मारे गए। ज्यादातर पंजाब प्रांत में मारे गए। ह्यूमन राइट्स वॉच चिंतित है कि इनमें से ज्यादातर मुठभेड़ फर्जी हैं और ऐसी स्थिति में नहीं हुए जब जीवन जोखिम में था।’