Israel-Iran War: इजरायली सेना ने आज सुबह तड़के ईरान के सैन्य ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इजरायल ने इसे 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए ईरानी मिसाइल अटैक का जवाब करार दिया है। इजरायल का कहना है कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है। इजरायली सेना ने कहा है उसने केवल ईरान के सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया है, लेकिन आखिर उसने इस हमले को कैसे अंजाम दिया है, यह जानना भी अहम है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि इजरायल ने ईरान पर किए हमले में 100 से ज्यादा फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया है। इसमें अत्याधुनिक F-35 भी शामिल थे। हालांकि यह ध्यान रखा गया था कि ईरान के परमाणु और तेल के खजानों को कोई नुकसान न हो।

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इजरायल ने 2000 किमी दूर जाकर गिराए थे बम

इजरायल से ईरान तक पहुंचने के लिए आईडीएफ के फाइटर जेट्स ने करीब 2000 किलोमीटर का सफर किया। ईरानी परमाणु सेंटर्स और तेल के खजानों को छोड़कर इजरायल ने दुनिया को बचाया ही है, क्योंकि अगर उनमें हमला होता तो दुनिया एक नए वैश्विक संकट या विश्व युद्ध की शिकार होती है।

इजरायली मीडिया के अनुसार, इजरायल ने लगभग 2000 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले F-35 आदिर स्टील्थ लड़ाकू विमानों सहित 100 से अधिक फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था। ईरान ने कहा है कि इजरायली हमलों ने इलम, खुजेस्तान, और तेहरान में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है। हालांकि ईरान का दावा है कि इन हमलों से उसे कोई खास नुकसान नहीं हुआ है।

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फोन कॉल के दौरान मिली थी हमलों की स्वीकृति

ईरान पर किए गए इजरायली हमलों को लेकर इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी तेल अवीव में किरया बेस पर तैनात हैं। एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने खुलास किया कि सुरक्षा कैबिनेट ने कल रात का एक फोन कॉल के दौरान हमले की स्वीकृति दी है।

IDF के प्रवक्ता आर एडम ने कहा है कि आईडीएफ आक्रामक और रक्षात्मक दोनों अभियानों के लिए पूरी तरह से रेडी है। आईडीएफ की तरफ से कहा गया कि इजरायल हर स्थिति का सामना करने में सक्षम है।

अमेरिका ने दिया इजरायल को समर्थन

वहीं, अमेरिका ने इस हमले को लेकर बयान जारी किया है और इजरायल का समर्थन करते हुए कहा कि इजरायल को सेल्फ डिफेंस में हमला करने का अधिकार है। अमेरिका ने यह भी कहा कि अब मिडिल ईस्ट में शांति बरकरार रखने और तनाव खत्म करने के लिए जरूरी है यह है कि ईरान अब इजरायल पर कोई जवाबी कार्रवाई न करे।