हिजाब के खिलाफ खुलकर आवाजा उठाने वाली महसा अमीनी की खबर को ब्रेक करने वाली जर्नलिस्ट खुद परेशानी में फंस गई हैं। ईरान की पुलिस ने नीलोफर हमीदी को बगैर चार्ज के हिरासत में ले लिया है। 16 सितंबर को नीलोफर ने तेहरान के अस्पताल में मौजूद महसा के माता-पिता की मार्मिक तस्वीर ली थी। उसके बाद ही दुनिया को उसकी असली हालत का पता चला। महसा के माता-पिता की ये 16 को ही फोटो ट्विटर पर पोस्ट की गई थी।

22 साल की महसा अमीनी को हिजाब ना पहनने के कारण पुलिस ने 13 सितंबर को हिरासत में लिया था। कहते हैं कि पुलिस ने हिरासत में उसके साथ मारपीट की, जिससे वह कोमा में चली गई थीं। तीन दिन बाद महसा ने दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को भी अपना निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में कई लोगों की मौत हुई।

उधर, महसा की मौत को लेकर ईरान ने कहा कि उसकी मौत पिटाई के कारण नहीं बल्कि बीमारी के चलते हुई। फॉरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया कि महसा की मौत चोट लगने की वजह से नहीं हुई थी। आठ साल की उम्र में उन्हें ब्रेन ट्यूमर हुआ था। इसके बाद उनकी सर्जरी हुई थी। मौत इसी वजह से हुई।

महसा ने ईरान के महिला ड्रेस कोड के खिलाफ अपने बाल कटवा लिए थे। वो हिजाब के बिना आवाजाही करती थी। ईरान में ड्रेस कोड को लेकर मोरलिटी पुलिस काफी सख्त है। वो अक्सर इन मामलों में महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं। पुलिस उन महिलाओं से सख्ती से पेश आती है, जो हिजाब या दूसरी पाबंदियों को नहीं मानतीं। तेहरान में मेट्रो स्टेशन से पुलिस ने महसा को हिरासत में लिया था। उन पर हिजाब नहीं पहनने का आरोप था।

उसके बाद वो कभी वापस नहीं लौटी। कहते हैं कि पुलिस हिरासत में उसे प्रताड़ना दी गई। उसकी मौत हो गई। पुलिस का कहना था कि महसा को दिल का दौरा पड़ा था। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वो बची नहीं। लेकिन लोगों ने इस पर विश्वास नहीं किया।