संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में ओजस्वी भाषण देने के लिए भारत में तारीफ बटोर रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पाकिस्तानी अखबारों ने नजरअंदाज कर दिया है। भारत में पार्टी लाइन से ऊपर उठते हुए नेताओं और भारतीय मीडिया ने भी सुषमा के भाषण को सराहा है। सुषमा ने अपने भाषण के जरिए पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि वह अातंकवाद को समर्थन और कश्मीर पर भारत के रुख पर उंगली उठाना जारी नहीं रख सकता। भारत और पाकिस्तान के मीडिया में सुषमा के भाषण की कवरेज को लेकर जमीन-आसमान का अंतर देखने को मिला है। पाकिस्तान के दैनिक अखबारों पर नजर डालें तो ज्यादातर ने इसको प्रमुखता से प्रकाशित नहीं किया। इसके बजाय अखबारों का फोकस सिंधु जल सन्धि को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक पर रहा। मोदी की समीक्षा बैठक को ज्यादातर अखबारों ने हेडलाइन के तौर पर लिया है। इसके अलावा, जनरल राहिल शरीफ के बयान, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत की खुफिया एजंसी R&AW ‘निर्दोष नागरिकों के खून से खेल’ रही है, को प्रमुखता दी गई है।
विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई सिंधु जल सन्धि को लेकर भारत के कदम से पाकिस्तान में खलबली सी मच गई लगती है। देखिए, पाकिस्तानी अखबारों में भारत के कदमों को कैसे कवर किया गया:
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून:
ट्रिब्यून ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है। अखबार कहता है, ”उरी हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया फ्िलप-फ्लॉप रही। अब वह दो शत्रुओं के बीच जारी तनाव और संघर्ष की उपलब्धि को किनारे करने के लिए धमका रहे हैं।
द पाकिस्तान ऑब्जर्वर
ऑब्जर्वर ने इस तथ्य पर जोर दिया कि सिंधु जल सन्धि को किसी एक राष्ट्र द्वारा खत्म नहीं किया जा सकता। अखबार ने लिखा, ”सिंधु जल सन्धि विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी। यह एक पवित्र दस्तावेज है और भारत अकेले इसका कॉमा, फुल स्टॉप तक नहीं हटा सकता क्योंकि बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस सन्धि की गारंटर हैं।”
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डॉन न्यूज
पाकिस्तान के सबसे मशहूर अखबारों से एक, डॉन ने पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को प्रमुखता दी, जिसे भारत के साथ संबंधों पर चर्चा के लिए आहूत किया गया था। डाॅन ने लिखा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत स्थगित करने का फैसला किया है।
द डेली टाइम्स
अखबार ने मंगलवार के अखबार में जनरल राहिल शरीफ के बयान को लीड स्टोरी बनाया है। सुषमा के भाषण को अखबार ने फ्रंट पेज पर प्रकाशित किया है। खबर की हेडिंग है- ”भारत ने पाकिस्तान को कश्मीर का सपना देखना छोड़ने की सलाह दी।”