ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक बयान में पुष्टि की है कि तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया के घर पर हमला हुआ है। जहां उनकी और उनके एक बॉडीगार्ड की मौत हो गई है। इस्माइल हानिया ईरान के सुप्रीम लीडर से मिलने और ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान आए हुए थे। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।

वफ़ा समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक फ़िलिस्तीनी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस्माइल हानिया की हत्या की निंदा की है और इसे कायरतापूर्ण घटना बताया है। राष्ट्रपति ने फिलिस्तीन के लोगों से एकजुट होने, धैर्य रखने का अनुरोध किया है।

कौन थे इस्माइल हानिया?

इस्माइल हानिया हमास के मौजूदा चीफ थे। जिन्हें 6 मई 2017 को हमास ने खालिद मशाल की जगह अपना प्रमुख चुना था। हानिया की पैदाइश गाज़ा एक शरणार्थी शिविर में हुई थी। हानिया ने गाजा के अल-अजहर संस्थान में शिक्षा प्राप्त की और गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। जब वह 1983 में विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे तभी वह इस्लामिक स्टूडेंट ब्लॉक में शामिल हो गए।

ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 1987 में जब इजरायली कब्जे के खिलाफ पहला फिलिस्तीनी जन-विद्रोह शुरू हुआ तभी हमास की स्थापना हुई और वह इस संगठन में शामिल हो गए।

शुरुआत में जब वह इजरायल के कब्जे के खिलाफ विरोध कर रहे थे तब उन्हें इजरायली अधिकारियों ने 18 दिनों के लिए जेल में डाल दिया था। एक साल बाद 1988 में उन्हें फिर से छह महीने के लिए जेल में डाल दिया गया और 1989 में उन्हें हमास से जुड़े होने के आरोप में तीन साल और जेल में बिताने पड़े।

इस बार जेल से बाहर आने के बाद इजरायल ने उन्हें अन्य वरिष्ठ हमास नेताओं के साथ दक्षिणी लेबनान भेज दिया, जहां उन्होंने एक साल बिताया। बाद में एक समझौते के तहत वह फिरसे अपने देश लौट आए। वह हमास के सह-संस्थापक शेख यासीन के करीबी थे और फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री भी रहे।