अमेरिका में जिन अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के वीजा हाल ही में रद्द कर दिए गए उनमें से लगभग 50 प्रतिशत भारत से थे। अमेरिकी इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) ने यह जानकारी दी। एसोसिएशन ने छात्रों, वकीलों और विश्वविद्यालय कर्मचारियों से इन मामलों पर 327 रिपोर्टें एकत्र कीं।

एआईएलए ने 17 अप्रैल को जारी रिपोर्ट में कहा कि वीजा कैंसिल होने वालों में से आधे छात्र भारत से हैं जबकि 14 प्रतिशत चीन से हैं, साथ ही इसमें शामिल अन्य महत्वपूर्ण देशों में दक्षिण कोरिया, नेपाल और बांग्लादेश शामिल हैं।” ओपन डोर्स के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में अमेरिका में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ा समूह भारतीयों का रहा। 2023-24 में 11,26,690 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 3,31,602 छात्र भारत से थे (कुल का 29%)। इसके बाद 2.77 लाख चीनी छात्र थे।

14 प्रतिशत चीनी छात्रों के वीजा हुए कैंसिल

AILA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इनमें से 50 प्रतिशत छात्र वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (OPT) पर थे, जिसका मतलब है कि वे ग्रेजुएट हो चुके हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्यरत हैं। OPT उन अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अनुमति देता है जो F1 वीज़ा पर अमेरिका में हैं और 12 महीने तक काम कर सकते हैं, और फिर STEM क्षेत्रों के मामले में इसे 24 महीने तक बढ़ा सकते हैं जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित शामिल हैं। AILA ने कहा कि ये रिपोर्टें वीज़ा निरस्तीकरण और समाप्ति की मनमानी प्रकृति की चिंताजनक तस्वीर पेश करती हैं।

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर AILA के नोट को शेयर करते हुए लिखा, “अमेरिकी इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा कल जारी की गयी प्रेस रिलीज भारत के लिए चिंता का विषय है। संगठन द्वारा अब तक एकत्र किए गए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के 327 वीजा रद्दीकरण मामलों में से 50% भारतीय छात्र हैं। वीजा रद्द करने के कारण असंगत और अस्पष्ट हैं। इससे छात्रों में लगातार डर और आशंका बढ़ रही है। क्या विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इस मामले का संज्ञान लेंगे और इसे अपने अमेरिकी समकक्ष के समक्ष उठाएंगे?”

अमेरिकी कानून के उल्लंघन का प्रयास करने वाले छात्रों को सजा भुगतनी होगी

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी कानून के उल्लंघन का प्रयास करने वाले छात्रों को सजा भुगतनी होगी, जिसमें देश से निर्वासित किया जाना भी शामिल है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मार्गरेट मैकलियोड ने पीटीआई को दिए गए साक्षात्कार में अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के सामने आ रहीं समस्याओं के संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा, “अगर आप कानून का पालन करते हैं तो अमेरिका आपको अवसर मुहैया कराएगा लेकिन कानून का उल्लंघन करने वालों को परिणाम भुगतने होंगे।” अमेरिका में भारतीय छात्र निर्वासन के बढ़ते खतरे का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अधिकारी फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने से लेकर छोटे-छोटे कानूनी उल्लंघनों समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर F-1 वीजा रद्द कर रहे हैं। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स