उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में बीते दिन 73 साल बाद एक गुरुद्वारे को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया है। यह गुरुद्वारा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर के जोगीवारा इलाके में स्थित है। गुरुद्वारे के खुलसे से पाक में रह रहे सिख और पंजाबी लोग काफी खुश हैं। लिहाजा ऐसे में वे भी अपने ईश्वर को गुरुद्वारे में याद किया करेंगे।

बताया जाता है कि 1942 में स्थानीय नागरिकों की आपत्ति के बाद गुरुद्वारे को बंद कर दिया गया था। गुरुद्वारे को दोबारा खोलने का फैसला सिख समुदाय, स्थानीय नागरिकों और प्रशासन की बैठक में किया गया। बैठक की अध्यक्षता पेशावर के उपायुक्त रियाज महसूद ने की थी। इस दौरान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार सरदार सुरन सिंह भी मौजूद थे।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यदि पूजा-अर्चना के लिए समुचित प्रबंध किए जाते हैं तो उन्हें गुरुद्वारे को फिर से खोलने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। महसूद ने इसका भरोसा दिलाते हुए कहा कि गुरुद्वारे के चारों तरफ दीवार का निर्माण कराया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को सिखों की पूजा-अर्चना से कोई परेशानी नहीं हो। साथ ही वहां पर कई तरह के सुरक्षा के इंतजामात भी किए जाएंगे।