पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पंजाबी लोगों पर बड़ा हमला हुआ है। उग्रवादियों ने 23 लोगों को बस और ट्रकों से उतारकर गोलियों से भून दिया। हथियारबंद लोगों ने लोगों को उनका आईडी कार्ड चेक करने के बहाने बस से बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें गोली मारनी शुरू कर दी। बलूच उग्रवादियों ने पंजाबियों को निशाना बनाया है। यह घटना मुसाखैल के राराशाम जिले की है। पाकिस्तान मीडिया डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सहायक आयुक्त मुसाखेल नजीब काकर के अनुसार हथियारबंद लोगों ने मुसाखैल के राराशाम जिले में हाईवे को बंद कर लोगों को बसों से बाहर निकाला और गोली मार दी।
10 वाहनों को किया आग के हवाले
मृतकों की पहचान पंजाब प्रांत के रहने वाले लोगों के रूप में की गई है। अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। 10 वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। चार महीने पहले भी इसी तरह का मामला सामने आया था। अप्रैल में नोशकी के पास एक बस से 9 यात्रियों को उतार दिया गया। तब भी यात्रियों को आईडी कार्ड चेक करने के बहाने बस के उतारा गया और उन्हें गोली मार दी। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में भी अज्ञात बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान के केच जिले के तुरबत में पंजाब के छह मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 2015 में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जब तुरबत के पास मजदूरों के शिविर पर सुबह-सुबह हमला करके 20 निर्माण मजदूरों की हत्या कर दी गई।
क्या है इस हमले की वजह?
दरअसल बलूचिस्तान का एक तबका पंजाबियों को पसंद नहीं करता है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इस इलाके में रहने वाले पख्तून, बलूच और मुहाजिर अपनी पहचान के लिए आंदोलन चला रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी सभ्यता 5 हजार साल पुरानी है। वह अपने आप को अलग देश मानते हैं। पाकिस्तान की सीमा को भी वह कई सालों से नकारते आ रहे हैं। लोगों को मानना है कि सत्ता में पंजाबी लोगों की अधिक संख्या है। वह लगातार बलूचिस्तान के संसाधनों पर अपना कब्जा करते आ रहे हैं। इसी को लेकर बलूचिस्तान के लोग लगातार हमले कर रहे हैं।