Greta Thunberg, climate change, UN Climate Action Summit: 16 साल की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन को संबोधित किया। गुस्से में नजर आ रही ग्रेटा ने वैश्विक नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम हो कर अपनी पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया। ग्रेटा ने पूछा, ‘‘आपने (ऐसा करने की) हिम्मत कैसे की?’’ जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में राष्ट्रों की नाकामी के खिलाफ युवा आंदोलन का चेहरा बनती जा रही स्वीडिश किशोरी ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, ‘‘हमारा यह संदेश है कि हम आपको देख रहे हैं।’’इस पर ठहाके गूंज उठे।

हालांकि, जल्द ही यह स्पष्ट हो गया उनके संदेश का लहजा बहुत गंभीर है। ग्रेटा ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से गलत है। मुझे यहां नहीं होना चाहिए था। मुझे महासागर पार स्कूल में होना चाहिए था।’’ उन्होंने अपनी पढ़ाई से एक साल का अवकाश ले रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘ आप युवा लोग हमारे पास यहां उम्मीद के साथ आए हैं। ’’ उन्होंने नेताओं से कहा, ‘‘आपने अपनी खोखली बातों से मेरे सपने और बचपन छीन लिए, फिर भी मैं खुशकिस्मत लोगों में शामिल हैं। लोग त्रस्त हैं, लोग मर रहे हैं, पूरी पारिस्थितिकी ध्वस्त हो रही है।’’

जलवायु कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘हम सामूहिक विलुप्ति की कगार पर हैं और आप पैसों के बारे में और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं। आपने साहस कैसे किया?’’उन्होंने कहा कि नेताओं के साथ उनकी बातचीत में उन्हें बताया गया कि युवाओं की सुनी जा रही है और तात्कालिकता को समझा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं कितनी दुखी और गुस्से में हूं… क्योंकि क्या आपने सचमुच में हालात को समझा है और मुझे इस पर यकीन नहीं होता।’’कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘आपलोग हमें निराश कर रहे हैं। लेकिन युवाओं ने आपके विश्वासघात को समझना शुरू कर दिया है। भविष्य की पीढ़ियों की नजरें आप पर हैं और यदि आप हमें निराश करेंगे तो मैं कहूंगी कि हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे।’’