सरकार ने इसरो और यूएई स्पेस एजंसी (यूएईएसए) के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर के लिए बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस कदम से दोनों एजंसियों के बीच एक संयुक्त कार्यसमूह की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। साथ ही शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज के लिए सहयोग में मदद मिल सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एमओयू पर हस्ताक्षर का फैसला किया गया। इस कदम से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज के लिए सहयोग में मदद मिलेगी। खासकर मंगल ग्रह के अध्ययन के क्षेत्र में।

एमओयू से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और यूएईएसए के सदस्यों के साथ एक संयुक्त कार्यसमूह का गठन हो सकेगा। जो समयसीमा के साथ कार्ययोजना व इसके कार्यान्वयन के तरीकों को अंतिम रूप देगा। प्रधानमंत्री पिछले साल अगस्त में यूएई गए थे। उनकी यात्रा के दौरान व सितंबर 2015 में भारत-यूएई संयुक्त आर्थिक व तकनीकी सहयोग आयोग की 11वीं बैठक में दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था। इसरो ने अपने पहले प्रयास में मार्स आर्बिटर मिशन (एमओएम) में सफलता हासिल की, जबकि यूएई ने अपने पहले अंतर-ग्रह अभियान में भारत से सहयोग मांगा है। जो 2020 में शुरू  होना निर्धारित है।

कैबिनेट ने भारत और मालदीव के पर्यटन मंत्रालयों के बीच हुए एमओयू को भी पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी। इस एमओयू से पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा। मालदीव के साथ एमओयू इस महत्त्वपूर्ण स्रोत बाजार से आगमन बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण होगा। हाल के वर्षों में भारत के लिए मालदीव एक प्रमुख पर्यटन बाजार के रूप में उभर कर सामने आया है। सरकार ने भारतीय डाक सेवा की कैडर समीक्षा के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया। जिसके साथ डाक विभाग कामकाजी जरूरतें पूरी करने और कैडर ढांचे को मजबूत करने में सक्षम होगा।

केंद्रीय मंत्रिमडल ने भारतीय डाक सेवा की कैडर समीक्षा के प्रस्ताव को पूर्वव्यापी प्रभाव से मंजूरी दे दी। इसमें कहा गया कि इस समीक्षा से विभाग मुख्यालय और क्षेत्र दोनों जगह पर कार्यकारी जरूरतों को पूरा करने और कैडर ढांचे को मजबूत करने में सक्षम होगा। इससे भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के मौजूदा ठहराव को दूर करने और उनके कॅरियर की संभावनाओं को सुधारने में भी मदद मिलेगी। कुछ कदम उठाकर प्रस्ताव को लागू किया जाएगा। जिनमें विभिन्न स्तरों पर कई पदों का सृजन शामिल है।    हालांकि पदों की कुल संख्या में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।