जॉर्जिया में हालात विस्फोटक बन चुके हैं, सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं, जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रपति भवन तक को घेर लिया गया है, सुरक्षाबल स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं। भीड़ को काबू में करने के लिए वाटर कैनन, पेपर स्प्रे और आंसू गैस का इस्तेमाल हो रहा है, पूरा प्रयास है कि भीड़ को तितर-बितर किया जाए।
स्थिति ज्यादा तनावपूर्ण तब बन गई जब कुछ प्रदर्शनकारी ओर्बेलियानी पैलेस यानी कि जॉर्जिया के राष्ट्रपति भवन में घुस गए। उसके बाद से ही पुलिस को भी बल का इस्तेमाल करना पड़ा और भगदड़ जैसी स्थिति बनी। अब जानकारी के लिए बता दें कि जॉर्जिया में पिछले कुछ समय से स्थानीय निकाय चुनाव के बाद से ही बवाल की स्थिति है, ज्यादातर विपक्षी पार्टियों ने उस चुनाव का बहिष्कार किया था।
जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली कोबाखइद्जे ने तो इस हिंसक प्रदर्शन को लेकर जबरदस्त गुस्सा जाहिर किया है। उनके मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में यूरोपीय संघ का झंडा ले रखा था और उन्होंने प्रेसिडेंशियल पैलेस के बाहर बैरिकेड्स में आग लगा दी थी। उनकी तरफ से यहां तक दावा हुआ है कि इस समय यूरोपीय संघ के राजदूत इन प्रदर्शनकारियों की मदद कर रहे हैं, संवैधानिक व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
जॉर्जिया में पिछले साल संसदीय चुनाव हुए थे, उसके बाद से ही आरोप लगने लगे कि बड़े स्तर पर धांधली हुई, सत्तारूढ़ दल जॉर्जियन ड्रीम पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया गया। संसदीय चुनावों की निगरानी के लिए नियुक्त हुए इंटरनेशनल ऑब्जर्वर्स ने भी चुनाव में पारदर्शिता की कमी बताई। उसके बाद से ही जॉर्जिया में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया और पीएम इराकली की भी चुनौतियां बढ़ गईं।