बम हमले के प्रभावितों को एक बार फिर चिंता में भी डाल दिया है। उन्होंने कहा कि इस उच्च स्तरीय यात्रा ने वैश्विक नेताओं के परमाणु निरस्त्रीकरण पर ध्यान देने के दुर्लभ मौके को फीका कर दिया है।

मानवाधकार कार्यकर्ताओं और परमाणु बम हमले के प्रभावितों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए राजनयिक प्रयास के बजाय धनी लोकतांत्रिक देशों के जी7 शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की की भागीदारी तथा जेलेंस्की की यूक्रेन के लिए और हथियार एवं अन्य सहयोग पाने की चाहत ने एक गलत संदेश दिया है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता एत्सुको नाकाटानी ने कहा, ‘जेलेंस्की की यात्रा शांतिप्रिय शहर हिरोशिमा के लिए उपयुक्त नहीं है।’ नाकाटानी के माता-पिता वर्ष 1945 में हिरोशिमा परमाणु बम हमले में बाल-बाल बच गये थे। उन्होंने कहा कि कई हिरोशिमा वासियों को उम्मीद थी कि शहर के त्रासदपूर्ण अतीत की समझ से नेता ‘परमाणु हथियारों की समाप्ति को केवल आदर्श के रूप में नहीं बल्कि अत्यावश्यक राजनीतिक मुद्दे के रूप में लेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन परमाणु प्रतिरोधक क्षमता के प्रति समर्थन बना हुआ है और यूक्रेन पर रूस के हमले ने इसे और सही ठहराया है।’ युता ताकाशाही ने कहा कि जेलेंस्की की यात्रा से यह संदेश जाने का खतरा है कि यूक्रेन को दूसरा हिरोशिमा बनने से बचाने के लिए परमाणु प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत उचित है।