भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी को डोमिनिका में प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित किया गया है। डोमिनिकन सरकार ने गुरुवार को हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को अपने देश में अवैध प्रवासी घोषित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मंत्रालय द्वारा 25 मई को जारी एक आदेश किया गया है । जिसमें कहा गया है कि डोमिनिका के 2017 के संशोधित कानूनों के आप्रवासन और पासपोर्ट अधिनियम के अनुसार मेहुल चोकसी को ‘डोमिनिका के राष्ट्रमंडल’ से हटाने का निर्देश देते हुए कहा गया था कि आप अप्रवासी घोषित किए जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार जो दस्तावेज़ डोमिनिकन अधिकारियों द्वारा अदालत में प्रस्तुत किये गए थे। उसमें कोर्ट से अपील की कि मेहुल चोकसी की याचिकाएं खारिज कर उसे भारत भेज दिया जाए। डोमिनिका की सरकार की ओर से भेजी गई नोटिस मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल के उस दावे को खारिज करती है। जिसमें कहा गया था कि उनका मुवक्किल प्रतिबंधित अप्रवासी नहीं है और उसका अपहरण हुआ था।
ये है पूरा मामला
मेहुल चोकसी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। वह कथित तौर पर 2013 में शेयर बाजार में हेरफेर में शामिल था।सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी करने के बाद चोकसी देश छोड़कर भाग गया। बाद में उसे भगोड़ा घोषित किया गया।
पिछले साल दायर एक चार्जशीट में, ईडी ने दावा किया था कि चोकसी ने न केवल भारतीय बैंकों को बल्कि दुबई और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ग्राहकों और ऋणदाताओं को धोखा दिया है। उनकी ₹2,500 करोड़ की संपत्ति पहले ही कुर्क की जा चुकी है।
बता दें कि 23 मई को चोकसी एंटीगुआ एवं बारबुडा से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसके बाद उसे डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद उनके वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया था कि उनके भागने को लेकर जो कहानियां चल रही हैं वह पूरी तरह गलत हैं। उनका अपहरण किया गया है।