Rafale vs F-35 Jets: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने एक्स पर एक पोस्ट किया जिससे सीधे तौर पर राफेल का महिमांडन करने के संकेत मिल रहे हैं। मैक्रों ने यूरोपीय देशों से अमेरिकी लड़ाकू विमानों पर अपनी निर्भरता पर एक फिर विचार करने की अपील की है। मैक्रों ने कहा कि रणनीतिक स्वायत्तता के मोर्चे पर राफेल को एक बेहतरीन ऑप्शन भी बताया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति के एक्स पोस्ट में मोबाइल इंटरफ़ेस पर एक राफेल जेट दिखाया गया था। वहीं कॉल बैनर पर लिखा था, “हमारे यूरोप को सुरक्षित करें”। एक्स पोस्ट का शीर्षक था, “यूरोपीय मित्रों, आपके पास कॉल है।” हालांकि पोस्ट में और कुछ ज्यादा नहीं लिखा गया है लेकिन इसे एक प्रमोशन के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका पर कम हो निर्भरता
फ्रांसिसी राष्ट्रपति मैक्रों के राफेल को लेकर यूरोपीय देशों को दिए गए संदेश के मायने निकाले जा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद से ही अमेरिकी विदेश नीति अनिश्चितताओं के संकेत दे रही है, जिसके चलते मैक्रों संदेश दे रहे हैं कि नाटो देशों को अमेरिकी टेक्नोलॉजी पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए।
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पहले भी मैक्रों कर चुके हैं ऐसी ही बात
यूरोप के लिए अमेरिकी निर्मित सैन्य हार्डवेयर पर निर्भरता दशकों से उसकी सुरक्षा आवश्यकताओं की आधारशिला रही है। यूरोपीय सामरिक स्वायत्तता को लेकर मुखर समर्थक रहे हैं और मार्च में भी इमैनुअल मैक्रों ने ऐसा ही बयान दिया था।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने उस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हमें अमेरिकी उपकरणों के आदी देशों को यूरोपीय विकल्प प्रदान करना चाहिए। इन प्रणालियों के उत्पादन को बढ़ाने से लागत कम होगी और पूरे यूरोप में एक आत्मनिर्भर रक्षा नेटवर्क का निर्माण होगा।
कई देशों ने चुना F-35
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में पोलैंड और फ़िनलैंड जैसे देशों ने लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित पांचवीं पीढ़ी के यू.एस. निर्मित F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान को चुना है। 2020 में पोलैंड ने 32 F-35 के लिए 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा किया था। फ़िनलैंड ने भी 2021 में 64 ऐसे विमानों का ऑर्डर दिया था।
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